नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संसोधन कानून CAA लागू करने के बाद पहली बार एक साथ 300 शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी है. इस शरणार्थियों में से 14 लोगों को केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला ने भारत का नागरिक होने का प्रमाण पत्र आनलाइन सौंपा . ये वो शरणार्थी है जो पिछले कई वर्षों से भारत की नागरिकता पाने की जद्दाजद में लगे हुए थे.
CAA कानून सरकार ने 11 मार्च को देश भर में लागू कर दिया
केंद्र सरकार ने इसी साल 11 मार्च को देश में नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करके देश कानून के तौर पर लागू कर दिया था. इस नियम के आधार पर भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान से आये अल्संख्यकों को नागरिकता देगा.फिलहाल भारत में इस नियम का फायदे केवल उन्हीं लोगों को मिल रहा है जो 31दिसंबर 2014 से भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं. इश अधिनियम के लागू होने के बाद पड़ोसी देशों से आये हिंदू,सिख , जैन , बौद्ध , फारसी और इसाइयों ने इसके लिए आवेदन किया था. इनमे सें 300 लोगो को भारत ने नागरिकता दे दी है
CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए कैसे कर सकते हैं आवेदन
भारत सरकार ने नागरिका संसोधन कानून के तहत दूसरे देशो के नागरिको को नागरिता देने के लिए कुछ नियम बनाये हैं, जिसका पालन अनिवार्य है. सरकार के नियम के मुताबिक सबसे पहले आपको भारत आने की तारीख बतानी होगी.जो दस्तावेज पहचान के तौर पर सरकार देखेगी वो हैं…
दस्तावेज मे दिये गये जन्म प्रमाण पत्र . आइडेंटिटी कार्ड, , जिस देश से आये हैं वहां का कोई भी सरकारी दस्तावेज जैसे लाइसेंस शैक्षनिक या कोई और सरकारी प्रमाण पत्र.. दस्तावेजों में जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, तीनों पड़ोसी मुल्कों का कोई भी सरकारी प्रमाण पत्र चाहे वो लाइसेंस हो या शैक्षणिक प्रमाण पत्र . इसके अलावा आवेदक को एक पात्रता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो ये प्रमाणित करें कि आवेदक हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसा या जैन समुदाय का है. शर्त एक ही है कि जो भी आवेदन के लिए फॉर्म भरे वो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण लेने आ चुका हो.
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