गया : पिछले कई वर्षो से चल रहे दिमागी बुखार से जूझते बिहार में अब गया जिले में एक नई तरह की बीमारी ने दस्तक दी है. इस बीमारी के बारे में अभी लोगों को ज्यादा पता नहीं है, इसलिए इसके इलाज में काफी परशानी आ रही है. स्थानीय लोग इश रहस्यमयी बीमारी को लंगड़ा बुखार का नाम दे रहे हैं. लंगड़ा बुखार की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन WHO की टीम ने गुरुवार को बीमारी ग्रस्त इलाके का दौरा किया.
लंगड़ा बुखार की जांच के लिए आई WHO की टीम
WHO की टीम गया के उस गांव में गयी जहां करीब 300 लोग इस बीमारी की गिरफ्त में हैं. इस बीमारी के बारे में गांव के लोग नहीं जानते. जिसकी वजह से लोगो के बीच इसे लेकर डर बन गया था. बीमारी के बारे में जानकारी मिलते ही बिहार स्टेट मेडिकल की टीम ने वहां जाकर जांच की ,अब वहां विश्व स्वास्थ संगठन WHO की टीम भी पहुंची . WHO की टीम ने गांव के लोगो से इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी ली. विश्व स्वास्थ संगठन की टीम के साथ पटना से आये एक्सपर्ट भी शामिल थे.
एक महीने से लंगड़ा बुखार से जझ रहे हैं इलाके के लोग
इस बीमारी से लोगो को बीमार हुए एक महीना हो गया है. जिले के मानपुर पटवा टोली गांव में 300 से ज्यादा लोग बीमार है. इन्हें बुखार आता है और फिर महीने भर जॉइंट्स में दर्द बना रहता है. बीमारी के बारे में इस तरह की जानकारी के बाद पिछले सप्ताह पटना से सिविल सर्जन रंजन कुमार के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने भी पटवा टोली जा जायजा लिया था.
पटवा टोली में लंगड़ा बुखार से जूझ रहे हैं सैंकड़ों लोग
गया के पटवा टोली में अब भी इस बुखार से सैकड़ो लोग बीमार हैं. इन्हें बुखार आता है और जॉइंट में दर्द की शिकायत रहती है. हालांकि अभी स्थिति थोड़ी कंट्रोल में बताई जा रही है. मेडिकल टीम जब जांच करने पहुंची तो लोगों को मच्छर से बचने की सलाह दी गई. मेडिकल टीम का मानना था कि इनमें चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण हो सकते हैं. इसे लेकर अधिकांश लोगों का मेडिकल टीम के द्वारा सीबीसी जांच कराई जा रही है.
WHO को चिकनगुनिया का शक
डब्ल्यूएचओ की टीम जब मानपुर के पटवा टोली पहुंची है उन्हें भी वहां 300 से ज्यादा लोगों के बीमार होने की बात पता चली. जांच रिपोर्ट के आधार पर माना जा रहा है कि पटवा टोली में चिकनगुनिया का प्रकोप है. लोगों को सलाह दी गई है कि अपने आसपास पानी का जमाव न रखें और मच्छरों से जमाव से बचें .
सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह ने बताया कि ‘WHO की टीम पटवा टोली में आई और लोगों से बात किया. सैकड़ो लोगों के बीमार होने की बात सामने आने के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम भी यहां पहुंची है. इससे पहले हमारे नेतृत्व में यहां मेडिकल कैंप भी व्यापक तौर पर लगाया गया था. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और बीमार लोगों की संख्या कम हो रही है.