Sunday, December 22, 2024

Deadly Smog in western UP: कम विजिबिलिटी के चलते हुए कई हादसे, दो बाइक सवारों की मौत, दर्जनों घायल

Deadly Smog in western UP: मंगलवार को नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी (दृश्यता) बुरी तरह प्रभावित होने के कारण कई सड़क दुर्घटनाओं में दो बाइक सवारों की मौत हो गई और लगभग तीन दर्जन लोग घायल हो गए.

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ट्रक से टकराई कई गाड़ियां

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे के कारण एक खराब ट्रक से कई लोगों की टक्कर हो गई. समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, कई कार सवार घायल हो गए. घायलों को सैफई मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जबकि एक को शिकोहाबाद अस्पताल में भर्ती कराया गया.
दुर्घटना के एक पीड़ित ने बताया, “हम कुछ भी नहीं देख पा रहे थे. हमारी कार ने एक अन्य वाहन को टक्कर मारी, और फिर तीन या चार और कारें हमारी कार से टकरा गईं.”

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर खड़े ट्रक से टकराई बस

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी, कम विजिबिलिटी (दृश्यता) के कारण एक ट्रक दूसरे ट्रक से टकरा गया, जिससे चेन रिएक्शन शुरू हो गया. पानीपत से मथुरा जा रही एक बस खड़े ट्रकों से टकरा गई, जिससे करीब एक दर्जन यात्री घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया. एनडीटीवी ने बताया कि इस दुर्घटना को रोकने के लिए पुलिस को मौके पर तैनात किया गया.

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 6 वाहस आपस में टकराए

आगरा के पास फिरोजाबाद में, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर छह वाहन टकरा गए. ये घटना तब हुई जब नसीरपुर के पास एक पिकअप ट्रक खराब हो गया. धुंध के कारण चालक रुके हुए वाहन को नहीं देख पाए, जिससे एसयूवी और अन्य कारें आपस में टकरा गईं.

नेशनल हाईवे-34 पर ट्रक ने बाइक को टक्कर मारी

बुलंदशहर में नेशनल हाईवे-34 पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी, जिससे मैनपुरी निवासी मंशाराम की मौत हो गई. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने ट्रक चालक को हिरासत में ले लिया है.
बदायूं में अज्ञात वाहन ने बाइक को मारी टक्कर
वहीं, बदायूं में एक और जानलेवा हादसा हुआ, जहां एक अज्ञात वाहन ने मऊ में अपने स्कूल जा रहे शिक्षक संतोष सिंह की बाइक को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई. इस क्षेत्र में इसी तरह की घटनाओं में दस अन्य लोग घायल हो गए.

Deadly Smog in western UP बना जानलेवा

ये दुर्घटनाएँ ऐसे समय में हुई हैं जब उत्तर भारत खतरनाक वायु गुणवत्ता से जूझ रहा है, जहाँ प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में है. घने धुएँ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है, जहाँ निवासियों को गले में खराश, सिरदर्द और साँस लेने में कठिनाई की शिकायत है. अधिकारियों ने लोगों से ज़हरीली हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए घर के अंदर रहने का आग्रह किया है.
स्थानीय पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं क्योंकि वे खतरनाक स्थितियों से होने वाले नुकसान का प्रबंधन कर रहे हैं, जो सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बने हुए हैं.

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