मुंबई:कोरोना के लॉकडाउन ने देश दुनिया को घुटनों पर ला दिया था.धीरे धीरे कोरोना वायरस का संक्रमण कम हुआ और लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन अब इसी बीच ” ज़ीका वायरस ” zika virus की खबरें आने लगी हैं. हाल ही में महाराष्ट्र में इसके कुल 10 मामले मिले हैं. पुणे से नौ नए संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए हैं.
zika virus महाराष्ट्र के लिए सरदर्द बन गया
सबसे ताजा मामला पुणे के प्रतीक नगर के येरवाड़ा इलाके का है, जहां एक 64 वर्षीय महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है. उसके बाद कांटैक्ट ट्रेसिंग हुई और लक्षण वाले कुल नौ सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. बताया जा रहा है कि महिला ने अक्टूबर में केरल की यात्रा की थी. कोविड के बाद अब जीका वायरस महाराष्ट्र के लिए सरदर्द बन गया है. राज्य में फैले डेंगू-मलेरिया के मामलों के बीच ज़ीका वायरस के 10 केस मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इस साल मिले दसों मामलों की पुष्टि की है. कोल्हापुर में 4, मुंबई में 2, इचलकरंजी में 2, पंढरपुर में एक और पुणे में एक मामला मिला है.
एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जीका वायरस
WHO के अनुसार जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. यह वही मच्छर है जिसके काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर होता है.इस वायरस को लेकर मुंबई टास्क फोर्स ने भी अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.मलेरिया-डेंगू-चिकगुनिया के बढ़े मामलों के बीच मेल खाते ज़ीका वायरस के लक्षण चिकित्सकों को भी उलझन में डाल रहे हैं.
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के लगभग 80 प्रतिशत रोगियों में कोई लक्षण नहीं होते हैं.यह लक्षण आम तौर पर मच्छर के काटने के लगभग एक सप्ताह बाद दिखाई देते हैं.मरीजों में बुखार, बदन दर्द, आंखों में जलन, शरीर पर दाने, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण पाए जाते हैं. शुरुआती लक्षण हल्के होते हैं.जैसे-जैसे शरीर में इसका वायरस बढ़ता है, लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं. खास तौर पर गर्भवती महिलाओं को इसके प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं.जीका वायरस का पहला मामला 1947 में युगांडा में सामने आया था. तब यह वायरस बंदरों में पाया गया था जो धीरे-धीरे इंसानों में फैला और 1952 में इसका पहला मामला इंसानों में पाया गया. इसके बाद अलग-अलग देशों में इसका प्रकोप देखने को मिला.