Sunday, February 23, 2025

ITCX-2023 : नई पीढ़ी को मंदिरों में देना होगा संस्कार-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान

 

वाराणसी:  RSS प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमारे समाज में मंदिरों का एक महत्वपूर्ण स्थान है. जरुरत है कि हमारी युवा पीढी को मंदिरो के जरिये संस्कार दिये जायें, क्योंकि वही देश का भविष्य हैं, इसलिए उन्हे अभी से प्रशिक्षित होने की जरुरत है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत वारणसी में अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो ( ITCX-2023) के कार्यक्रम में बोल रहे थे.शनिवार से वाराणसी में  3 दिन तक चलने वाला अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो ( ITCX-2023) शुरु हुआ है. इस सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख ने जोर देकर कहा कि हमारे मंदिर में युवाओं को ट्रेनिंग देनी होगी क्योंकि आने वाले समय मे उन्हें ही देश को संभावना होगा. इन युवाओं के बताना होगा कि वो अपने साधन और संसाधन को एक एकत्र   करके अपनी कला और कारगरी को मजबूत करें.

‘मंदिर सत्यम शिवम सुंदरम की प्रेरणा देते हैं’- मोहन भागवत, RSS प्रमुख

आरएसएस  प्रमुख भागवत ने समाज में मंदिरों की सार्थकता को अंकित करते हुए कहा कि मंदिर हमें सत्यम शिवम सुंदरम की प्रेरणा देते हैं.मंदिरों की कारागरी हमारी पद्धति को दिखाते हैं. हमारे कुछ मंदिर सरकार के हाथों में है तो कुछ समाज के हाथों में. आरएसएस प्रमुख ने काशी विश्वनाथ मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां मंदिर में  काफी परिवर्तन हुए है. ये भक्ति की शक्ति है. यहां परिवर्तन करने वाले लोग भक्त हैं और इसके लिए भाव होना चाहिये.मंदिरों का संचालन सही तरीके से होना चाहिये . मोहन भागवत ने मंदिरों में सफाई पर बल देते हुए कहा कि मंदिर छोटे हो या बड़े सभी में सफाई होनी चाहिये, यहां हर तरह सुचिता की व्यवस्था होनी चाहिये .

देश भर के छोटे बड़े मंदिर जोड़े जायें

आरएसएस प्रमुख ने मंदिर की समाज में उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि ये मंदिर ही है जो लोगों को संस्कार देते हैं इसलिए देश के छोटे बड़े मंदिरो को जोड़ा जाना चाहिये, ताकि एक नेटवर्क बन सकें . अब हमारा काम देश भर के मंदिरों के कनेक्ट करना है. भगवत ने अपने भाषण के दौरान ये भी कहा कि मंदिरों को समाज से जुड़ना चाहिये और जितना हो सके मुश्किल  समय में समाज की सहायता के लिए आगे आना चाहिये.

अब पशुओं की जगह नारियल फोड़कर होती है बली

आएसएस प्रमुख ने कहा कि समाज में समय के साथ बलि और हिंसा बदली है , अब लोग नारियल फोड़कर बली देते हैं.समाज प्रक़ति और पंरपरागत राजा पर निर्भर नही होता है. राजा का काम संचालन होता है. इसलिए हम सत्ता देकर सो नहीं जाते हैं बल्कि उसके द्वारा किये गये कामों का फल चुनावों के समय देते हैं.

आरएसएस प्रमुख ने पीएम का पत्र पढ़ा

अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो ( ITCX-2023) में आरएसएस प्रमुख ने पीएम मोदी का वो पत्र भी पढ़ा जिसमे पीएम मोदी ने ITCX  के कार्यों की  सराहना की  थी.

 

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