लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के खिलाफ एक रिट पिटिशन फाइल की गई है. इस रिट पिटिशन के अनुसार मुकेश मेश्राम ने बीती 10 मार्च को एक आदेश पारित किया था जिसके अनुसार आने वाले नवरात्र में सभी जिलों को 1-1 लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी जिससे आने वाले नवरात्र में भजन कीर्तन और नवरात्र को लेकर तैयारियां की जाएंगी जिस पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता मोतीलाल ने रिट पिटीशन फाइल की है.
सरकार का फैसला संविधान के खिलाफ है
वकील मोतीलाल ने इस रिट पिटिशन के बारे में बताते हुए कहा कि मुकेश मेश्राम ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला अधिकारी और प्रदेश के जितने भी मंदिर हैं वहां पर नवरात्र के दौरान भजन कीर्तन करने का आदेश दिया है और इसको ब्लॉक स्तर, विकासखंड स्तर और जिला स्तर पर सभी जिलाधिकारी पूरी देख रेख के साथ इसका प्रचार प्रसार करेंगे जिसके लिए मैंने रिट पिटिशन फाइल की है. भारत का संविधान किसी भी सरकार को यह अनुमति नहीं देता है कि वह किसी धर्म विशेष का प्रचार प्रसार करे और इसमें 1-1 लाख की धनराशि जो जिला अधिकारियों को दी जा रही है वह संविधान के अनुच्छेद 27 का घोर उल्लंघन है. भारत विविध धर्मों का देश है यह पक्षपात वाला शासनादेश है और इसको खारिज होना चाहिए.