बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. 28 मई को पुलिस के जबरन प्रदर्शन खत्म कराने और फिर सोशल मीडिया पर झूठी तस्वीरों और धमकी भरे पोस्ट्स का सामना करने के बाद अब उन्होंने आमरण अनशन और अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान कर दिया है. बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक न भी इस खत को ट्वीट किया है.
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) May 30, 2023
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) May 30, 2023
विनेश ने ट्वीट किया भावुक खत
रेसलर विनेश फोगाट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक भावुक पत्र लिखकर पोस्ट किया है. इस खत में बताया कि आज मंगलवार (30 मई) शाम छह बजे खिलाड़ी अपना मेडल हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर देंगे. विनेश फोगाट ने ये ऐलान 28 मई को पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के एक्शन के दो दिन बाद किया है. विनेश ने लिखा, “हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा. हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है. हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे. अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे. उन्होंने आगे लिखा, ये मेडल हमें नहीं चाहिए. हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं.”
विनेश फोगाट ने किया आमरण अनशन का ऐलान
इसके साथ ही विनेश फोगाट ने लिखा, “मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.”
पुलिस पर लगाए उत्पीड़न के आरोप
विनेश ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि वो महिला पहलवानों की धरपकड़ कर रही है. उन्होंने लिखा, कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी. तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ था.
विनेश ने बताया राष्ट्रपति को क्यों नहीं लौटा रही मेडल
वहीं विनेश ने अपने खत में ये भी साफ किया है कि वो मेडल राष्ट्रपति को क्यों वापस नहीं कर रही है. उन्होंने लिखा, “अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना.
ये सवाल आया कि किसे लौटाएं. हमारी राष्ट्रपति को, जो खुद एक महिला हैं. मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ 2 किलोमीटर बैठी सिर्फ देखती रहीं. लेकिन कुछ बोली नहीं.”
प्रधानमंत्री से भी नाराज़ है पहलवान
विनेश ने कहा कि वो प्रधानमंत्री को भी मेडल नहीं लौटाना चाहती क्योंकि वो बृज भूषण के साथ है. विनेश ने लिखा, “हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियां बताते थे. मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध-बुध नहीं ली, बल्कि नयी संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया और वह तेज सफेदी वाली चमकदार कपड़ो में फोटो खिंचवा रहा था, उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी, मानो कह कही हो कि मैं ही तंत्र हूं.”
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर भी उठाया सवाल
विनेश ने अपने खत में दिल्ली पुलिस की रविवार को की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं उन्होंने कहा, “पुलिस ने हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. हमारे आंदोलन की जगह भी छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है?”