रियाद। 4 जून से होने वाले हज के लिए दुनियाभर से मुस्लिम सऊदी अरब के शहर मक्का पहुंच रहे हैं। सऊदी सरकार ने हज यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस साल एआई और स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल हज यात्रा को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है। मक्का और मदीना में रोबोट से लेकर एआई तक का इस्तेमाल प्रशासन कर रहा है ताकि भीषण गर्मी के बीच हाजी आसानी से अपने हज पूरा कर सकें।
मक्का और मदीना की ग्रैंड मस्जिदों की जनरल प्रेसीडेंसी ने बताया है कि इस साल कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पहली बार तैनात किए गए हैं। इसमें एआई रोबोट मनारह-2 भी शामिल है, जो तीर्थयात्रियों को गाइड करेगा। मनारह-2 उर्दू समेत कई भाषाओं में बात करता है और इस्लाम-हदीस से जुड़े सवालों का जवाब भी देता है। ग्रैंड मस्जिद में 21 इंच का टचस्क्रीन, 5जी नेटवर्क और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा भीड़ को ट्रैक करने के लिए ग्राउंड सेंसर, गेट रीडर और एआई-सक्षम निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा।
हाजियों की जानकारी और फुटेज को ट्रैक करने के लिए ड्रोन के एक उन्नत बेड़े का इस्तेमाल किया जाएगा। नए एआई सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए स्थानीय बॉडी त्वरित प्रतिक्रिया दे सकेंगी। यह संभावित भगदड़ से बचने में मददगार साबित होगा। हाजियों की सेवा के लिए मुख्य स्थानों पर बहुभाषी स्मार्ट स्क्रीन लगाए जाएंगे। इससे वास्तविक समय की जानकारी और मदद मिले सकेगी। इनके अलावा विविध पृष्ठभूमि के हज यात्रियों के लिए धार्मिक और शैक्षिक सहायता प्रदान करने वाली विशिष्ट पहल इस्तेमाल में लाई जाएगी।
सऊदी अरब ने 2025 के लिए हज की तारीखों की जानकारी देते हुए बताया है कि मक्का में होने वाली सालाना हज तीर्थयात्रा 4 जून से शुरू होगी। सऊदी के हज मंत्री ने बताया कि दुनियाभर से करीब 10 लाख से ज्यादा लोग हज के लिए अब तक आ चुके हैं। पिछले साल 18 लाख मुसलमानों ने हज में हिस्सा लिया था। हज इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है। इस्लाम में आर्थिक रूप से संपन्न मुसलमानों के लिए जीवन में एक बार हज करना फर्ज है।
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