वॉशिंगटन । चीन हमें टैरिफ से मारता है, भारत हमें टैरिफ से मारता है, ब्राजील भी यही करता है। लेकिन टैरिफ को मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। भारत पहले सबसे ज्यादा टैरिफ वसूलता था, लेकिन अब उन्होंने कहा है कि यहां जीरो टैरिफ होगा। ट्रंप ने स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो में बातचीत के दौरान कहा- अमेरिका ने टैरिफ लगाकर एक बड़ी नेगोशिएटिंग पावर हासिल की। उनका दावा है कि अगर अमेरिका दबाव नहीं बनाता, तो भारत कभी इस तरह का प्रस्ताव नहीं रखता।
हाल के दिनों में ट्रंप कई बार ‘जीरो टैरिफ’ की बात दोहरा चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार को एकतरफा नुकसानदायक करार दिया। उनका आरोप है कि भारत अमेरिका को बड़े पैमाने पर सामान बेचता है, लेकिन बदले में अमेरिका को भारत में उतनी पहुंच नहीं मिलती। तनाव तब और बढ़ा जब ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और बाद में इसे दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया। दरअसल, यह कदम तब उठाया गया जब भारत ने रूस से तेल खरीद जारी रखी, जबकि ट्रंप चाहते थे कि भारत यह कदम बंद करे। लेकिन भारत ने साफ कह दिया कि उसके फैसले जनता और बाजार की जरूरतों के हिसाब से होंगे। भारत ने लगातार कहा है कि व्यापार को लेकर बातचीत जारी है। मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में बताया कि मतभेद सुलझाने की कोशिश की जा रही है और नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता यानी बीटीए हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ किया है कि भारत अपने घरेलू हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों की भलाई भारत की पहली प्राथमिकता है।
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