केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर एक विधेयक पेश करने पर विचार कर रही है. इंडिया टुडे ने सरकार के उच्च अधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि, इस विधेयक को संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जा सकता है. जो समान नागरिक संहिता के मामले पर विभिन्न हितधारकों से इनपुट मांगेगा.
विधि आयोग के नोटिस के बाद मानसून सत्र में यूसीसी लाने की चर्चा हुई तेज
असल में ये खबर हाल में भारत के विधि आयोग द्वारा जारी एक नोटिस के बाद चर्चा में है. विधि आयोग ने हाल में यूसीसी पर एक नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर सभी हितधारकों की राय मांगी थी. इसके अलावा कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने भी हाल ही में यूसीसी पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाने और यूसीसी पर हितधारकों के विचार इकट्ठा करने के अपने इरादे का एलान किया था.
कानून एवं न्याय समिति ने भी 3 जुलाई को बुलाई है बैठक
समान नागरिक संहिता (UCC) पर कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि, “कानून एवं न्याय समिति के अधिकार क्षेत्र में पर्सनल लॉ आता है. अगर लॉ कमिशन का जो विमर्श पत्र है उस पर कमेटी चर्चा करेगी और इस चर्चा के दौरान सभी पार्टी के लोग मौजूद रहेंगे. इस बैठक का किसी भी तरह से राजनीति से कोई संबंध नहीं है. कमेटी में विमर्श पत्र पर चर्चा होगी.”
#WATCH कानून एवं न्याय समिति के अधिकार क्षेत्र में पर्सनल लॉ आता है। अगर लॉ कमिशन का जो विमर्श पत्र है उस पर कमेटी चर्चा करेगी और इस चर्चा के दौरान सभी पार्टी के लोग मौजूद रहेंगे। इस बैठक का किसी भी तरह से राजनीति से कोई संबंध नहीं है। कमेटी में विमर्श पत्र पर चर्चा होगी: समान… pic.twitter.com/6YYqtvyLCb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2023
पीएम ने भोपाल में की थी यूसीसी लाए जाने की बात
27 जून को मध्य प्रदेश के एक बीजेपी कार्यक्रम ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ में प्रधानमंत्री ने यूसीसी पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि ये वोट बैंक (विपक्ष) के भूखे लोग हैं. पीएम ने कहा था कि, “समान नागरिक संहिता (UCC) के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है…सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता (UCC) लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं.” प्रधानमंत्री ने तीन तलाक के मुद्दे की चर्चा करते हुए कहा कि, “अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है तो पाकिस्तान, कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों में क्यों इसको बंद कर दिया. भारत के मुसलमान भाई बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का कर उनका राजनीतिक फायदा ले रहे हैं. “
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