सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का दिल का दौरा पड़ने से 75 साल की उम्र में निधन हो गया. मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. सुब्रत रॉय (Subrata Roy) की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी रही. वह जितनी जल्दी फर्श से अर्श तक पहुंचे, उतनी ही तेजी से अर्श से फर्श पर आ गए.
सहारा ग्रुप सालों तक इंडियन क्रिकेट टीम और इंडियन हॉकी टीम का स्पॉन्सर रहा. यही नहीं, उसने लखनऊ में सभी तरह की लक्जरी से लैस सहारा शहर भी बसाया. इसमें हेलीपैड, क्रिकेट स्टेडियम, गोल्फ कोर्स, थियेटर से लेकर कई पेट्रोल पंप तक मौजूद थे. सुब्रत रॉय ने मुंबई में टाउनशिप भी बनाई. देखते ही देखते सुब्रत रॉय ने बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया.
2008 में सहारा के जो बुरे दिन शुरू हुए वो थमने का नाम नहीं लिया. उस साल शेयर बाजार नियामक सेबी ने उन पर किसी भी और कंपनी के नाम पर निवेश लेने पर रोक लगा दी थी. यहीं से सहारा के खराब दिन शुरू हो गए. सहाश्री सुब्रत राय को जेल तक जाना पड़ा.निवेशकों का पैसा लौटाने की तलवार ग्रुप पर आज तक लटकी हुई है.
लेकिन अब सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के साथ ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा? जिन्होने सहारा में पैसे निवेश किये हैं, उनके पैसे कैसे वापस मिलेंगे ?
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस कराने के लिए एक पोर्टल लांच किया. https://mocrefund.crcs.gov.in/
इस पोर्टल पर अपना पैसा वापस लेने के लिए लाखों लोगों ने आवेदन किया है. इस पर्टल पर सहारा ग्रुप की चार कंपनियों के नाम है . सहारा रिफंड पोर्टल की ज़िम्मेदारी इन चार समिति पर हैं.
1. सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ
2. सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल
3. हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता
4. स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद
इन चारों के जरिए सहारा के निवेशकों को उनका पैसा मिलेगा. पोर्टल पर कहा गया है, “जमाकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सभी चार समितियों से संबंधित दावों को एक ही दावा आवेदन पत्र में प्रस्तुत करें. केवल पोर्टल के जरिये से ऑनलाइन दर्ज किए दावों पर ही विचार किया जाएगा. दावा प्रस्तुत करने के लिए कोई शुल्क नहीं है. किसी भी तकनीकी समस्या के लिए आप दिए गए समिति के टोल फ्री नंबरों ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क कर सकते हैं.
बता दें इससे पहले बाजार रेगुलेटरी बोर्ड सेबी (SEBI) ने 11 साल में सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किए हैं. इसके साथ ही स्पेशल तौर से खोले गए बैंक खातों में जमा की गई रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है. निवेशकों का पैसा सेबी के पास है और ऑनलाइन आवेदन करने वालों को मिलना तय है. यानी आपका पैसा कहीं नहीं गया . जिस तरह सुब्रत रॉय ने वादा किया था कि वो पैसा लौटाएंगे तो वो वादा उनके जाने के बाद भी बरक़रार है.
लेकिन जो भी हो सुब्रत रॉय की ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है. जहाँ एक आम इंसान लाखों करोड़ों लोगों के सपने का सौदागर बनने की प्रेरणा देता है तो वहीँ दूसरी तरफ अपने निवेशकों के प्रति ईमानदार रहना भी सिखाता है. तो सुब्रत रॉय ने तो अपना वादा पूरा किया अब देखना ये है कि सरकार और सेबी सहारा के निवेशकों का पैसा उन्हें कब तक लौटा पाती है.