Saturday, July 27, 2024

Preamble: प्रस्तावना से “समाजवादी और धर्मनिर्पेक्ष” शब्द गायब होने के आरोप पर सोनिया गांधी ने भी लगाई मुहर

19 सितंबर को नई संसद में स्थांतरित होने के बाद सबसे पहला विवाद सरकार द्वारा बांटी गई संविधान की प्रतियों को लेकर ही खड़ा हो गया है. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को कहा कि नई संसद की पहली बैठक के अवसर पर सांसदों को वितरित की गई संविधान की प्रति में “समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष” शब्द नहीं हैं.

सोनिया गांधी ने भी लगाई अधीर रंजन चौधरी के आरोप पर मुहर

जब गुरुवार को मीडिया ने सोनिया गांधी से अधीर रंजन चौधरी के आरोप के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा,”प्रस्तावना में, यह (‘समाजवादी धर्मनिरपेक्ष’ शब्द) नहीं था, संविधान की नई प्रतियां जो राजनेताओं को सौंपी गईं  नए संसद भवन के उद्घाटन दिवस पर ‘समाजवादी धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं था. ”

समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द सोच समझ के हटाया-अधीर रंजन

आपको बता दें, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया था कि संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द जानबूझ कर हटाया गया है. “हमें जो संविधान की प्रति दी गई उसमें समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द नहीं थे. वे (सरकार) कह सकते हैं कि यह पुराना संस्करण है. लेकिन उन्हें संशोधित संस्करण भी शामिल करना चाहिए था. वे कह सकते हैं कि उन्होंने हमें मूल संस्करण दे दिया है। मुझे लगता है कि यह एक जानबूझकर किया गया है,”


सरकार ने कहा हमने संविधान का मूल रुप बांटा

हालांकि, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि सदस्यों को मूल संविधान की प्रति दी गई होगी. “जब संविधान अपनाया गया था तब यह (प्रस्तावना) ऐसी ही थी. उसके बाद, 42वां संशोधन आया… इसलिए यह मूल प्रति होनी चाहिए”.
संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान 1976 में जोड़े गए थे. संविधान के 42वें संशोधन के हिस्से के रूप में इन दो शब्द – समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष – को प्रस्तावना में शामिल किया गया था.

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