नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश समेत देश भर में करीब 240 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम के नाम की घोषणा कर दी है. उत्तर प्रदेश के 17 सीटों में से भी ज्यादातर पर उम्मीदवारों के नाम का एलान हो गया है लेकिन उत्तर प्रदेश और कांग्रेस की दो परंपरागत माने जाने वाली सीट अमेठी Amethi और रायबरेली पर अभी भी नामों को लेकर सस्पेंस है. इस बीच राबर्ट वाड्रा के बयान से चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है कि क्या राहुल गांधी अमेठी छोड़ रहे हैं ?
Amethi पर राबर्ट वाड्रा ने दिया है क्या बयान ?
राबर्ट वाड्रा ने समाचार एजेंसी ANI के साथ बातचीत में कहा कि अमेठी की जनता मुझे सांसद के रुप में देखना चाहती है. वाड्रा ने कहा कि अगर मौका मिला तो मैं स्मृति ईरानी को चुनौती देने के लिए तैयार हूं.
राबर्ट वाड्रा के बयान को लेकर एक बार फिर से अमेठी पर कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. हलांकि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि यूपी के लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी ही अमेठी से ही लड़ें. अब सवाल ये उठ रहा है कि एक तरफ राहुल गांधी और दूसरी तरफ राबर्ट वाड्रा की दावेदारी… फिर अमेठी जैसी महत्वपूर्ण सीट पर अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करने से कांग्रेस क्यों बच रही है ?
दरअसल राबर्ड वाड्रा के बयान ने अमेठी सीट को लेकर सस्पेंस को और बढ़ा दिया है. अब चर्चा शुरु हो गई है कि क्या कांग्रेस अब इस सीट से राबर्ट वाड्रा पर दांव लगाने की तैयारी में हैं, क्योंकि 2019 के चुनाव में यहां से राहुल गांधी बीजेपी की स्मृति इरानी से हार गये थे लेकिन केरल के वायनाड से जीते थे. अब एक बार फिर से राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट से उम्मीदवार है और उनका मुकाबला बीजेपी के सुरेंद्रन और सीपीएम नेता एनी राजा से हैं.
वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ नैरेटिव
इस बार वाडनाड में लेफ्ट पार्टियां ये नैरेटिव सेट करने में लगी है कि अगर राहुल गांधी अमेठी सीट से लड़ते हैं औऱ जीतते हैं तो वायनाड सीट खाली कर देंगे . माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस ने वाडनाड में वोटिंग से पहले अमेठी के लिए राहुल गांधी के नाम की घोषणा कर दी तो लेफ्ट पार्टियां अपना नरेटिव सेट करने मे सफल हो जायेंगी और वायनाड से राहुल गांधी की जीत मुश्किल हो सकती है.
राबर्ट वाड्रा के बयान से होगा कांग्रेस को फायदा ?
अमेठी से कौन चुनाव लड़ेगा ये तो बाद की बात है लेकिन वाड्रा के बयान से कांग्रेस को दो फायदे हो सकते हैं. एक तो अब अमेठी सीट की बहस राहुल गांधी से शिफ्ट होकर वाड्रा पर चली गई है . वहीं अमेठी के नाम पर वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ जो हवा बनाई जा रही है, वो मंद पड़ जायेगी. साथ ही इस बयान के बाद उत्तर भारत और उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों मे ये मैसेज जायेगा कि भले राहुल गांधी या गांधी परिवार का कोई भी हो लेकिन गांधी परिवार अमेठी नहीं छोड़ रहा है. अमेठी गांधी परिवार के लिए प्राथमिकता है.
राहुल गांधी क्या लड़ेंगे अमेठी से ?
उत्तर प्रदेश के नेताओं के मानना है कि अमेठी से राहुल गांधी को लड़ना चाहिये. अगर राहुल गांधी अमेठी छोड़ते है तो आस पास के इलाकों में पार्टी को लेकर एक नाकारत्मक संदेश जायेगा. इसलिए राहुल गांधी के लिए अमेठी से लड़ना एक तरह से मजबूरी भी है. इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी वायनाड में वोटिंग के बाद अमेठी के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी.
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आपको बता दें कि केरल के वायनाड में वोटिंग लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को होगा , वहीं अमेठी में मतदान 5वें चरण यानी 20 मई को होगा. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 26 अप्रैल से 3 मई तक होगी. संभवतह इसीलिए कांग्रेस अमेठी सीट को लेकर कोई जल्जबाजी नहीं करना चाहती है. कांग्रेस पहले वायनाड में वोटिंग देख लेना चाहती है, फिर हालात के नजाकत को देखते हुए अमेठी के लिए फैसला करेगी.