सोमवार को तड़के तुर्की और सीरिया शक्तिशाली भूकंप से दहल गया. इस भूकंप ने बड़ी-बड़ी इमारते ताश के पत्तों के जैसे धराशाही हो गई. हज़ारों लोगों की जान गई और अभी भी मलबें के नीचे जाने कितने दबें हुए है. लेकिन क्या आप जानते है इस भूकंप की तस्वीरों और दिल दहला देने वाले वीडियों के साथ एक नीदरलैंड का शोधकर्ता भी ट्वीटर पर लगातार ट्रेंड कर रहा है. कहा जा रहा है कि इस शोधकर्ता ने भूकंप से तीन दिन पहले ही ट्वीट कर तुर्की और सीरिया में आए भूकंप की भविष्यवाणी कर दी थी.
सोलर सिस्टम ज्योग्राफी सर्वे (एसएसजीईओएस) नाम के संस्थान में काम करने वाले इस डच शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने शुक्रवार, 3 फरवरी को एक ट्वीट कर चेतावनी दी थी कि देर-सवेर मिडिल इस्ट में एक शक्तिशाली भूकंप आने वाला है. फ्रैंक हूगरबीट्स के इस ट्वीट को अबतक 27 मिलियन से अधिक बार देखा गया है.
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क्या लिखा था फ्रैंक हूगरबीट्स ने अपने ट्वीट में
तो चलिए आपको बताते है कि फ्रैंक हूगरबीट्स ने आखिर क्या अपने ट्वीट में क्या भविष्यवाणी की थी. शुक्रवार, 3 फरवरी को, फ्रैंक हूगरबीट्स ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया, ट्वीट में लिखा था “देर सवेर में इस क्षेत्र (दक्षिण-मध्य तुर्की, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान) में ~M 7.5 भूकंप आएगा.”
पोस्ट के साथ एक मानचित्र (मैप) भी था जिसमें हुगरबीट्स के भूकंपीय गतिविधि से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्र को हाइलाइट किया था. इसी क्षेत्क में ट्वीट किए जाने के ठीक तीन दिन बाद, सोमवार को भूकंप आया, जिसके बाद भूकंप की भविष्यवाणी करने वाला ये ट्वीट वायरल हो गया और इसे 32.6 मिलियन बार देखा गया और 32,000 से अधिक बार रीट्वीट किया गया.
Sooner or later there will be a ~M 7.5 #earthquake in this region (South-Central Turkey, Jordan, Syria, Lebanon). #deprem pic.twitter.com/6CcSnjJmCV
— Frank Hoogerbeets (@hogrbe) February 3, 2023
कौन है फ्रैंक हुगरबीट्स?
तो अबतक आप ये तो जान गए की भूकंप की भविष्यवाणी की गई थी. अब उसके बारे में भी जान ले जिसने ये भविष्यवाणी की थी. तो इस शख्स का नाम है फ्रैंक हुगरबीट्स. हुगरबीट्स के ट्विटर बायो के मुताबिक वह नीदरलैंड में सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (एसएसजीएस) नामक संगठन के लिए काम करते हैं. ये संस्थान “भूकंपीय गतिविधि से संबंधित आकाशीय पिंडों के बीच ज्यामिति की निगरानी करना” है. SSGEOS के अनुसार, उनकी निगरानी गतिविधियाँ इस प्रमाण पर आधारित हैं कि “सौर मंडल में विशिष्ट ज्यामिति बड़े भूकंपों का कारण बन सकती है”
फ्रैंक हुगरबीट्स ने 2 फरवरी को, SSGEOS ने एक भूकंप पूर्वानुमान से जुड़ा पोस्ट भी शेयर किया था. जिसमें कहा गया था कि “4 से 6 फरवरी तक बड़ी भूकंपीय गतिविधि हो सकती है, सबसे अधिक संभावना मध्य या उच्च 6 तीव्रता तक हो सकती है. 4 फरवरी के आसपास एक बड़ी भूकंपीय घटना की थोड़ी संभावना है.”
क्या भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है?
अब सवाल ये उठता है कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है?
तो आपको बता दें फ्रैंक हूगरबीट्स और एसएसजीईओएस ने जिस कार्यप्रणाली और वैज्ञानिक तर्क का इस्तेमाल कर इस भूकंप की भविष्यवाणी की थी उससे वैज्ञानिक पूरी तरह स्वीकार नहीं करते है. हलांकि इस सटीक भूकंप की भविष्यवाणी के बाद इस कार्यप्रणाली को लेकर एक बहस ज़रुर शुरु हो गई है. खुद डच शोधकर्ता हूगरबीट्स इस सवाल के जवाब में ट्वीट करते है कि, “हां, ग्रहों और चंद्रमा के प्रभाव को लेकर वैज्ञानिक समुदाय के भीतर बहुत विरोध है. लेकिन ऐसा कोई विस्तृत शोध नहीं है जो इसे ‘गलत’ सबित कर दे. यह केवल एक धारणा है. वास्तव में, नेचर में छपा एक वैज्ञानिक पेपर इसपर अलग राय पेश करता है. ”
हलांकि हूगरबीट्स से अलग कैल्टेक साइंस एक्सचेंज के मुताबिक, “वर्तमान में यह अनुमान लगाना संभव नहीं है कि भूकंप कब और कहाँ आएगा, और न ही यह कितना बड़ा होगा. हालांकि, भूकंप विज्ञानी अनुमान लगा सकते हैं कि संभावनाओं और पूर्वानुमानों की गणना करके भूकंप की संभावना कहां हो सकती है.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) का कहना है कि “न तो यूएसजीएस और न ही किसी अन्य वैज्ञानिक ने कभी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी की है. हम नहीं जानते कि कैसे, और कब लेकिन हम निकट भविष्य में हमें ऐसी भविष्यवाणियां करने की उम्मीद नहीं करते हैं.
भारतीय ज्योतिष में भी माना गया है कि गृहों का असर पृथ्वी पर होता है
बाकी संस्थान कुछ भी कहें लेकिन फ्रैंक हूगरबीट्स की भविष्यवाणी के पीछे कुछ तो साइंस होगी है तभी तो उनके दूसरे ट्वीट को भी लाखों लोग देख रहे है. भूकंप के बाद हूगरबीट्स ने एक और ट्वीट किया, ट्वीट में लिखा ता “मध्य तुर्की में बड़े भूकंप से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदना है. जैसा कि मैंने पहले कहा था, देर-सबेर इस क्षेत्र में भी ऐसा ही होगा. इसके साथ ही उन्होंने लिखा मध्य तुर्की और आस-पास के क्षेत्रों में अतिरिक्त मजबूत भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखें. बड़े भूकंप के बाद झटके आमतौर पर थोड़ी देर के लिए जारी रहते हैं.”
तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद दर्जनों आफ्टरशॉक्स आए, लेकिन जिस अतिरिक्त मजबूत भूकंपीय गतिविधि की बात फ्रैंक हूगरबीट्स ने की थी वो शुरुआती भूकंप के लगभग नौ घंटे बाद आया, ये भूकंप का झटका लगभग पहले जितना ही मजबूत था और इसकी तीव्रता 7.5 मापी गई थी. यानी एक नहीं दो-दो बार फ्रैंक हूगरबीट्स की बात सही साबित हुई. वैसे भारतीय ज्योतिष भी ग्रहों और उल्का पिंडो के पृथ्वी पर असर की बात करता है. किसी गृह के पास आने पर उसके पृथ्वी पर असर की अकसर भविष्यवाणियां की जाती है तो अगर फ्रैंक हूगरबीट्स की संस्था जो गृहों और सौर मंडल का अध्ययन कर भूकंप की भविष्यवाणी करती है तो उसे सिरे से नकारा नहीं जाना चाहिए.