NEET Exam Paper Leak : बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने NEET PAPER LEAK की ऱिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को दे दिया है. EOU ने इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार को अबतक हुई जांच के बारे में जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक EOU ने अपनी रिपोर्ट में पटना में छापेमारी के दौरान बरामद हुए NEET के जले प्रश्न पत्र से लेकर गिरफ्तार के गये आरोपियों के बयान और कबूलनामे तक पूरी जानकारी केंद्र को दी है.
NEET Exam Paper Leak :जांच के दौरान सामने आये कुख्यात माफियाओं के नाम
बिहार पुलिस और इकोनोमिक ऑफेंस यूनिट (EOU) की जांच के दौरान ऐसे नाम सामने आये है, जिसने सभी को चौंका दिया है. जांच में सिकंदर, अनुराग, अमित, अतुल और अंशुल के साथ अब एक नया नाम जुड़ा है संजीव मुखिया का. नालंदा के रहने वाले संजीव मुखिया को नीट पेपर लीक मामले का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. इस मामले मे चौकाने वाली बात ये है कि संजीव मुखिया इससे पहले बीएसपी शिक्षक बहाली में पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है, वहीं उसका बेटा अभी इस मामले में जेल की हवा खा रहा है. संजीव मुखिया का बेटा शिव कुमार पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस है.
संजीव मुखिया से कैसे जुडे अपराध के तार ?
पटना पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक नीट परीक्षा का प्रश्नपत्र सबसे पहले नालंदा में संजीव मुखिया के पास ही पहुंचा था.संजीव मुखिया ने ही सिकंदर और दूसरे लोगों को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाया था.4 मई और 5 मई को परीक्षा देने वाले छात्रों को प्रश्नपत्र के उत्तर खेमनीचक के प्ले एंड लर्न स्कूल सेफहाउस में रटवाया गया था. जांच में ये तथ्य सामने आया है कि संजीव मुखिया और रवि अत्री गैंग का सीधा कनेक्शन है.
संजीव मुखिया को एक प्रोफेसर ने उपलब्ध कराया प्रश्नपत्र
जानकारी के मुताबिक संजीव मुखिया को NEET Question Paper एक प्रोफेसर ने उपलब्ध कराया था.उस प्रोफेसर ने मोबाइल से संजीव मुखिया को प्रश्नपत्र भेजा.इस प्रश्नपत्र के लिए प्रति छात्र 40 लाख रुपये में डील हुई थी.इसमें से 30 से 32 लाख रुपये उपर भेजे जाने का बात थी. जबकि बीच में 8 लाख रुपये परीक्षा के दौरान सेटिंग कराने वाले और बिचौलियों के लिए तय थे. सेटिंग कराने वालों में सिकंदर, अमित, नीतीश जैसे लोग शामिल थे.अब तक जो जानकारी निकल कर आई है उसके मुताबिक इस पेपर लीक और उसके जरिये माल कमाने की पूरी प्लानिंग संजीव मुखिया की थी. इसके लिए संजीव मुखिया ने अपने करीबी दोसेत प्रभात रंजन से मकान किराये पर लिया था, जिसमें प्रभात रंजन स्कूल चलाता था.प्रभात रंजन भी दनियावां प्रखंड का प्रमुख रह चुका है और उसकी पत्नी मुखिया रह चुकी है. आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी अब प्रभात रंजन और उसकी पत्नी से भी पूछताछ कर रहे हैं.
कौन हैं संजीव मुखिया, क्या है आपराधिक इतिहास ?
NEET Paper Leak मामले में फरार चल रहे संजीव मुखिया का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. संजीव मुखिया को लोकल लोग लूटन मुखिया भी बुलाते हैं, संभवताह इस नाम के पीछे भी उसके आपराधिक कारनामें ही है. संजीव मुखिया नालंदा के नूरसराय में हार्टिकल्चर कॉलेज में टेक्निकल एसिस्टेंट के पद पर काम करता था. नौकरी छोड़ कर राजनीति की दुनिया में पहुंचा और अपने पंचायत का मुखिया बन गया. सबसे पहले 2016 में बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के मामले मे उसका नाम आया था. उसके बाद बीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक में पकड़ा गया और जेल की सजा काटी.संजीव मुखिया के जेल जाने के बाद उसकी पत्नी ने हरनौत विधानसभा क्षेत्र से एलजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा, हलांकि वो हार गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक धीरे धीरे परीक्षाओ के पेपर लीक कराना उसका फैमिली बिजनेस बन गया. इस समय उसका बेटा शिवकुमार, जो पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर है, वो भी बीएससी पेपर लीक मामले में जेल की सजा काट रहा है.
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