Friday, February 7, 2025

Odisha Train accident का ज़िम्मेदार कौन ? 288 लोगों की मौत से जुड़ा हर जवाब यहां…

कहते हैं सावधानी हटी और दुर्घटना घटी इसी लाइन पर फिट बैठती हुई अब तक की सबसे भयानक घटना सामने आई है. जहां एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन ट्रेन आपस में भीड़ गयी. जिसमे अभी तक 288 लोगों के मरे जाने की खबर सामने आई है. मामला ओडिशा के बालासोर का है. जहां शुक्रवार शाम करीब सात बजे भीषण ट्रेन हादसा हुआ. घायलों की संख्या भी एक हज़ार के क़रीब पहुंच गई है. हादसे वाली जगह से जिस तरह की तस्वीरें आ रही हैं, वो बेहद भनक है. घायलों के रहत बचाव का क्रय अभी भी जारी है. लेकिन सवाल ये कि दुनिया के सबसे बड़े रेल सिस्ट वाले भारत में इतना भयानक हादसा हुआ कैसे.

क्या है मामला?

बालासोर में हुई रेल दुर्घटना में मृतकों का  आंकड़ा 288 पर पहुंच गया है. NDRF के कमांडेट के मुताबिक सभी जिंदा लोगों को निकाल लिया गया है और अब अंदर फंसे और दबे हुए शवों को निकालने का काम जारी है.

इस बीच ओडिशा सरकार ने इस दर्दनाक रेल हादसे के चलते राज्य मे एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उडीसा सीएम घटना स्थल पर पहुंचे और तजा हालात का जायजा भी लिया. वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्सटडेटं साइट का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उसकी और बचाव के कार्य में लगे लोगो की प्राथमिकता पीडितों की मदद करना है. जिनके परिवारो के लोगों की मौत हुई है, उन्हें उनके घर कर पहुंचाना और उन्हे हर संभव मदद उपलब्ध कराना पहला काम है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री इस भीषण हादसे पर दुख ज़ाहिर कर चुके हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लेकर कई आला अफ़सर मौके पर मौजूद हैं. इस घटना के बाद राजनितिक पारा भी तेज़ हो रहा है. ट्रेन हादसे के बाद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने रेल मंत्री अश्वनी वैषणव का इस्तीफ़े मंगा है. लेकिन यहां राजनीती करने से पहले ये जांचना जरुरी है कि ये हादसा हुआ कैसे?

कैसे हुई घटना?

दरअसल इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चेन्नई को जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर कर नज़दीक के ट्रैक पर जा गिरे, जहां से बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी जा रही थी.

अख़बार ने रेलवे के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि कोरोमंडल ट्रेन के बोगी नंबर बी2 से बी9, ए1 से ए2, बी1 और इंजन हादसे का शिकार हुए हैं, वहीं ट्रेन नंबर 12864 जो (यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस) जा रही थी उसकी एक जनरल बोगी को नुक़सान पहुंचा है. जनरल बोगी और बोगी नंबर 2 पीछे की तरफ से पटरी से उतरी हैं.

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने अख़बार को बताया कि बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन से गुज़रते हुए शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. ये डिब्बे साथ के ट्रैक से गुज़र रही हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराए. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के भी तीन डिब्बे पटरी से उतर गए.

दरअसल बहनागा बाज़ार स्टेशन पर चार ट्रैक हैं. एक लूप ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी थी. दो मुख्य लाइनों पर आमने-सामने से दो ट्रेनों को पास करना था. ऐसे में कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे जब पटरी से उतरे तो उनकी टक्कर मालगाड़ी से भी हुई. ख़बर में स्थानीय स्टेशन अधिकारियों के हवाले से हादसे का दूसरा विवरण भी बताया गया है, जिसमें कोरोमंडल ट्रेन की जगह बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन के पहले पटरी से उतरने की बात कही गई है. वहीं द हिंदू का कहना है कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे.

अख़बार का कहना है कि शाम करीब सात बजे बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन नंबर 12864 (यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस) के दो डिब्बे पटरी से उतर गए और साथ के ट्रैक पर सामने से आ रही तेज़ रफ्तार ट्रेन नंबर 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) से जा टकराए, जिसके चलते कोरोमंडल ट्रेन के 17 डिब्बे पटरी से उतरे.

हिंदू अखबार का कहना है कि हादसे में एक मालगाड़ी भी शामिल है. अख़बार ने ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी पीके जेना के हवाले से बताया कि कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे जब पटरी से उतरे तो वे मालगाड़ी से जा टकराए.

जानकारी के लिए बता दें कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल को तमिलनाडु से जोड़ती है. ट्रेन ने हादसे से कुछ समय पहले ही शालीमार स्टेशन को पार किया था. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक शाम 6 बजकर 55 मिनट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतरे और साथ के ट्रैक पर जा गिरे. सात बजे हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर इन पटरी से उतरे हुए डिब्बों के साथ हुई और ऐसे में हावड़ा एक्सप्रेस के भी दो डिब्बे पटरी से उतर गए.

2004 के बाद दुनिया में हुआ सबसे बड़ा ट्रेन हादसा

ये हदसा इतना भनक है कि ऐसा कहा जा रहा है कि यह ट्रेन हादसा साल 2004 के बाद दुनिया में हुआ सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है. दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना श्रीलंका में हुई थी. यहां 26 दिसंबर 2004 को ‘ओसियन क्वीन एक्सप्रेस’ में सवार करीब 1700 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे की वजह से सुनामी, जिसके चलते पूरी की पूरी ट्रेन सुनामी की तेज लहरों में विलीन हो गई थी. इस हादसे की वजह से कई लोगों के घर बेघर कई अनाथ हो गए थे. लेकिन इतने बड़े हादसे को लेकर पुख्ता जानकारी कोई भी नहीं दे पा रहा . सब बस अनुमान के सहारे अपनी अपनी प्रतिकिर्या दे रहे हैं. इस विषय पर जाँच होनी चाहिए कि कैसे ये ट्रैन आपस में टकराई एक ट्रैन के टकराने या पटरी से उतरने की जानकारी पहले क्यों नहीं दी गई. इतने बड़े हादसे के पीछे कोई कोइंसिडेन्स या कोई लापरवाही.

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