Starlink Elon Musk : अमेरिकी अरबपति इलॉन मस्क की कंपनी स्टालिंक भारत में इंटरनेट के बाजार मे प्रवेश करने की प्रक्रिया में हैं. कंपनी को भारत मे प्रवेश देने के मामले में मंगलवार को संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि स्टारलिंक को भारत के बाजार में प्रवेश देने से पहले अभी सुरक्षा मानदंडों का पालन करना बाकी है.संचार मंत्री ने कहा कि भारत सरकार स्टारलिंक सहित किसी भी कंपनी को भारत में प्रवेश देने के लिए तैयार है लेकिन सुरक्षा शर्तों को पूरा करने के बाद .इस लिए सिटारलिंक को भी भारत में प्रवेश करने के लिए सरकार के द्वारा निर्धारित सभी मानदंडों को पूरा करना जरुरी है.
“India says YES to Starlink—but only if security concerns are resolved.
Minister Scindia sets clear terms for Musk’s satellite broadband entry, aiming for a level playing field in India’s telecom landscape”.
#Starlink #IndiaTelecom pic.twitter.com/jt7fVHf6iU— Exencial Research Partners (@exencial_RP) November 13, 2024
Starlink को लेकर शोध संस्थान कूटनीति फाउंडेशन का दावा
इस बीच एक शोध संस्थान ‘कूटनीति फाउंडेशन’ ने अमेरिका की इस दिग्गज कंपनी का संबंध अमेरिकी खुफिया सैन्य एजेंसियों के साथ होने को रेखांकित करते हुए कहा है कि ये कंपनी भारत के राष्ट्रीय हितों में बाधक बन सकते हैं. फाउंडेशन ने स्टारलिंक को ‘‘ भेड़ की खाल में छिपा भेड़िया ’’ करार देते हुए कहा कि स्टारलिंक दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी है, जिसकी सबसे बड़ी ग्राहक और प्रचारक अमेरिकी सरकार की खुफिया और सैन्य एजेंसियां हैं.
“We will coup whoever we want. Deal with it.” Elon Musk Tweeted on 24/07/2020;
With deep ties to Intelligence, Defence, and Govt, is Starlink the latest tool brought upon by U.S.A. to impede India’s New Space, Defense & intelligence, and telecom capabilities?1. Pages 1-4:…
— Kutniti Foundation (@KutnitiFNDTN) November 13, 2024
कटनीति फाउंडेशन ने अपने रिसर्च के बाद एक इलॉन मस्क के कुछ कुछ ट्वीट का उदाहरण दिया है जैसे मस्क ने 24 जुलाई 2020 को एक ट्वीट किया था जिसमें कहा था कि ‘हम जिसे चाहेंगे, उसे तख्तापलट कर देंगे. इससे निपटें.”रिसर्च संंस्थान ने स्टालिंक को अमेरिका खफिया एजेंसी का हिस्सा बताते हुए कहा है कि – खुफिया, रक्षा और सरकार के साथ गहरे संबंधों के साथ, क्या स्टारलिंक भारत की नई अंतरिक्ष, रक्षा और खुफिया और दूरसंचार क्षमताओं को बाधित करने के लिए यू.एस.ए. द्वारा लाया गया नवीनतम उपकरण है? रिसर्च में यहां तक कहा गया है कि ये सब कुछ अमेरिका अपने सहयोगियों के खिलाफ आर्थिक युद्ध और भारत की प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को पटरी से उतारना के लिए कर रहा है.
कूटनीति फाउंडेशन ने स्टारलिंक का संबंध अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से जोड़ते हुए इसे भेड़ की खाल में छुपा भेडिया कहा है. यहां एक बात और गौर करने वाली है कि हाई स्पीड इंटरनेट सेवा के क्षेत्र में काम करने वाली इस कंपनी के आने से भारत में मौजूद इंटरनेट कंपनियों के एकाधिकार पर खासा प्रभाव पड़ने की आशंका है.