Friday, January 24, 2025

भारत जोड़ो यात्रा से क्या हासिल कर रहे हैं राहुल गांधी?

7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरु हुई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 50 दिन से ज्यादा का सफर पूरा कर चुकी है.यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश से होते हुए तेलंगाना पहुंच गई है. जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, राहुल गांधी की कई खास तस्वीरें सामने आ रही हैं.

शुरुआत में लड़कियों और महिलाओं में राहुल को लेकर दिखा जुनून

यात्रा की शुरुआत में राहुल गांधी की तस्वीरों में सबसे ज्यादा वो तस्वीरें थीं जिसमें वह लड़कियों और महिलाओं के लिए किसी हीरो जैसे नज़र आ रहे थे. लड़कियां और महिलाएं उन्हें छू लेने और करीब आने के लिए बेताब नज़र आ रही थी. इन तस्वीरों को गौर से देखें तो राहुल इन तस्वीरों में मुस्कुराते तो नज़र आ रहे हैं लेकिन थोड़े असहज भी दिख रहे हैं. कांग्रेस के राजकुमार के लिए ये जुनून नया नहीं था. यूपी के अपने रोड शो में वो लोगों के इस जुनून को देख चुके हैं लेकिन ये जुनून कभी वोटों में तबदील नहीं हुआ. लोग राहुल को किसी हीरो की तरह देखने पहुंचे. फैन की तरह तस्वीरें खिंचाते और फिर भूल जाते. राहुल भी ऐसे फैन्स के साथ बहुत सहज नज़र नहीं आ रहे थे. बचपन से सुरक्षा घेरे में रहने वाले राहुल गांधी की बॉडी लैंग्वेज भी आम लोगों के साथ थोड़ी अकड़ी हुई ही लगती थी लेकिन यात्रा के आगे बढ़ने के साथ तस्वीरें बदलने लगी हैं


राजकुमार की छवि तोड़ जननेता की तरफ बढ़ते राहुल गांधी

कर्नाटक के मैसूर में बारिश के बीच भीगते राहुल गांधी की तस्वीर ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया. लोगों ने उस तस्वीर में राहुल का एक अलग अंदाज़ और आत्मविश्वास देखा. उसके बाद तो एक के बाद एक बच्चों के साथ खेलते, हंसी मज़ाक करते, ढोल बजाते, नाचते गाते राहुल गांधी की तस्वीरें आने लगी. ऐसा लगा कांच का घेरा जो राहुल गांधी के इर्द-गिर्द बचपन से बना हुआ था वो टूट रहा है.राहुल गांधी की मुस्कान और शारीरिक भाव भंगिमाओं में सहजता दिखने लगी है जैसे वो इन आम लोगों को लंबे समय से जानते पहचानते हों. राहुल का आत्मविश्वास और लोगों से जुड़ने का अंदाज काफी लोगों को यात्रा की ओर आकर्षित करने लगा. तेलंगाना पहुँचने तक तो राहुल जनता के बीच इतने सहज नज़र आने लगे कि उनका हिस्सा बन गए. कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भी जो पहले दूर से राहुल गांधी की आभा (AURA) को देख भाव विभोर रहते थे अब राहुल के करीब आने लगे.

यात्रा से बदल रही राहुल की छवि
सही मायनों में कहा जाए तो कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी के लिए व्यक्तित्व के विकास और आम लोगों के बीच सहजता से घुल मिल जाने के हुनर को सीखने का एक मौका लेकर आई है. वैसे भी कहा जाता है यात्राएं किताबों से ज्यादा ज्ञान दे जाती हैं. राहुल के लिए भी भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस के राजकुमार से जन नेता के सफर की यात्रा साबित हो रही है. वो नेहरु के पर नवासे, इंदरा गांधी के पोते, राजीव और सोनिया गांधी के बेटे से अलग अपनी पहचान बना रहे हैं. उनकी तस्वीरें लोगों के दिलों में एक विनम्र जननेता की छवि छोड़ रही है.भारत जोड़ो यात्रा का चुनावों में कांग्रेस को कोई फायदा मिलेगा या नहीं वो तो वक्त बताएगा लेकिन ये तय है कि राहुल इस यात्रा से अपनी पप्पू और राजकुमार की छवि तोड़ने में कामयाब होते दिखाई दे रहे हैं.

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