मध्यप्रदेश चुनाव में गठबंधन नहीं होने पर कांग्रेस से नाराज़ अखिलेश यादव के बोल अब नरम पड़ गए है. उत्तराखंड में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “कोई मतभेद नहीं है. उनके(कांग्रेस) सोचने का तरीका कुछ और है और हमारे सोचने का कुछ और है… हम कहेंगे कि हरिद्वार में हमारी पार्टी का सांसद रहा, हम यहां पर संगठन बनाएंगे और अपनी पार्टी बनाएंगे. क्या इससे किसी की नाराजगी हो सकती है?”
#WATCH उत्तराखंड: कांग्रेस और सपा के बीच कथित मतभेद पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “कोई मतभेद नहीं है। उनके(कांग्रेस) सोचने का तरीका कुछ और है और हमारे सोचने का कुछ और है… हम कहेंगे कि हरिद्वार में हमारी पार्टी का सांसद रहा, हम यहां पर संगठन बनाएंगे और अपनी… pic.twitter.com/hQqHVs8J83
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 23, 2023
लखनऊ में लगा था “अखिलेश भावी प्रधानमंत्री” का पोस्टर
आपको बता दें, कांग्रेस की मध्यप्रदेश चुनावों की पहली लिस्ट आने के बाद से ही एसपी प्रमुख नाराज़ चल रहे थे. अखिलेश यादव ने तो कांग्रेस पर समाजवादी पार्टी के साथ ‘विश्वासघात’ करने तक का आरोप लगा दिया था. साथ ही ये भी पूछ चुकें है कि कांग्रेस को गठबंधन चाहते हैं या नहीं. इतना ही नहीं लखनऊ में एसपी कार्यालय के बाहर एक होर्डिंग सामने आया, जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भारत का ‘भावी प्रधान मंत्री’ बताया गया है. इस पोस्टर के लगने से एक बार फिर विपक्षी इंडिया गुट के दो प्रमुख सदस्यों, कांग्रेस और एसपी के बीच चल रही तनाव सुर्खियों में आ गया था.
अखिलेश ने शनिवार को ही दिए थे झगड़ा खत्म होने के संकेत
वैसे 21 अक्तूबर (शनिवार) को अखिलेश ने संकेत दिया थे कि कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर उनसे संपर्क किया है. अखिलेश यादव ने बिना किसी का नाम बताए या आगे बताए बिना कहा, “मुझे कांग्रेस पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता के माध्यम से किसी से एक संदेश मिला. अगर वह कुछ कह रहे हैं, तो मुझे उसका पालन करना होगा. उन्होंने कुछ संदेश दिया है,” “लेकिन एक बात मैं कहना चाहता हूं: अगर वे गठबंधन नहीं चाहते थे तो उन्होंने हमें क्यों बुलाया?”
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