दिल्ली के CM Arvind Kejriwal के लिए हर दिन कोई न कोई मुसीबत आती रहती है. जैसा की सभी जानते हैं की कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में लंबी सुनवाई हुई थी.
शराब घोटाले में गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल ने एक तरफ जहां गिरफ़्तारी की टाइमिंग पर सवाल खड़े हुए तो दूसरी तरफ गवाहों पर भी सवाल खड़े हुए हैं. CM Arvind Kejriwal के वकील मनु सिंघवी ने कोर्ट में पेश करते हुए मुख्यमंत्री को ‘जयचंद’ कहकर संबोधित किया. इनके वकील ने उनकी तुलना मध्यकालीन राजा जयचंद से की है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने बाहरी आक्रमणकारियों का साथ देकर भारतीय शासकों को धोखा दिया था.
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में सिंघवी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गवाहों और आरोपियों के दिए गए बयानों पर सवाल करते गए कि पहले किसी को गिरफ्तार किया जाता है. वह कई बयानों में मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ कुछ नहीं कहता है, लेकिन फिर उसपर दवाब डाला जाता है. बाद में वह बेल के लिए आवेदन करता है. ED की ओर से इसका विरोध नहीं किया जाता. फिर वह गवाह बनकर केजरीवाल के खिलाफ बयान देता है और उसे माफ़ी मिल जाती है.
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सिंघवी ने कहा कि इस प्रजाति को अप्रूवर यानी की सरकारी गवाह कहा जाता है. इतिहास में हमारे, अच्छे मकसद से या बुरे मकसद से, अदालत ने ऐसे लोगो के लिए जयचंद और टॉर्जन होर्सेज जैसे शब्दों को प्रयोग किया है. इतिहास जयचंदो की तरफ बहुत कठोरता से देखता है. आगे सिंघवी ने कहा कि अप्रूवर सबसे अविश्वास्य दोस्त होते हैं. केजरीवाल के वकील ने आरोप लगाया कि दवाब डालकर उन्हें केजरीवाल के खिलाफ गवाही देने की लिए मजबूर किया जाता है. सिंघवी ने कुछ सरकारी गवाहों के नाम लेकर बोला की कैसे उन्हें गिरफ्तार किया गया और गवाह बन जाने के बाद जमानत मिल गई.
सिंघवी ने राघव के पिता और सरथ चंद्र को लेकर कहा
मनु सिंघवी ने राघव मुंगुटा के पिता और सरथ चंद्र रेड्डी के बयानों का भी जिक्र किया. सिंघवी ने राघव को लेकर कहा कि उन्हें प्रताडित किया गया, पिता एक बयान दते हैं और बेटे को जमानत दे दी जाती है. रेड्डी को लेकर कहा कि दो बयान थे जो मेरे खिलाफ थे. गिरफ़्तारी के बाद बयान आता है. सिंघवी ने आगे कहा- 18 महीने बाद उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया और 9 दिन बाद ही मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दे दी गई. फिर 20 दिन बाद माफ़ कर दिया जाता है.