भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद शिवराज सिंह चौहान Shivraj Singh Chouhan के खिलाफ वारंट जारी हुआ है. शिवराज सिंह चौहान के साथ मध्यप्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंदर सिंह के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट ने 5 -5 सौ रुपये का जमानती वारंट जारी किया है. अदालत ने शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह को एक महीन पहले ही कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था लेकिन इन नेताओं ने चुनाव में अपनी व्यसस्ता का हवाला देते हुए कोर्ट में पेश होने में असमर्थता जताई थी. इन तीनों ने कोर्ट में माफी के लिए आवेदन भी दिया था जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था.
Shivraj Singh Chouhan के खिलाफ क्या है मामला ?
दरअसल ये वारंट अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा Viviek Tankha के द्वारा शिवराज सिंह और अन्य के खिलाफ दायर 10 करोड़ की मानहानि के मामले में जारी किया है. ये मानहानि का मामला वकील विवेक तन्खा ने शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ जबलपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में दर्ज कराया था. विवेक तन्खा ने अपनी शिकायत में ये कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत का आरक्षण रद्द किये जाने के बाद बीजेपी के ये इन नेताओं ने योजनाबद्ध तरीके से उन्हें ओबीसी विरोधी साबित करने की कोशिश की.
सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत-निकाय चुनाव में 27% आरक्षण पर लगाई थी रोक
दरअसल 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी, जिसे लेकर विवेक तनखा ने याचिकाकर्ताओं की तऱफ से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन की पैरवी की थी. इस पैरवी के आधार पर बीजेपी के नेताओं ने विवेक तन्खा के खिलाफ कई बयान दिये जिसमें उन्हें ओबीसी विरोधी बताने की पूरी कोशिश की गई थी. विवेक तन्खा ने अपनी सफाई में बयान भी दिये लेकिन बीजेपी के नेताओं ने उनके खिलाफ बयानबाजी जारी रखी. वहीं इन तीनो के खिलाफ मानहानि का केस करने की बात करते हुए विवेक तन्खा ने तीनों से मांफी मांगने की भी बात कही थी लेकिन तीनों ने उनकी बातों को गौर नहीं किया. इसके बाद विवेक तन्खा ने जबलपुर के एमपीएमएलए कोर्ट में इन तीनों नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ का मानहानि का केस दर्ज कराया. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अब जबलपुर की एमपीएमए कोर्ट ने शिवराज सिंह समेत तीन नेताओं के खिलाफ वारंट जारी करने के आदेश दिये हैं.
कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए ना आने पर जारी किया वारंट
जबलपुर एमपीएमएलए कोर्ट ने तीनों नेताओं को 22 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया था लेकिन तीनों नेताओं ने व्यक्तिगत हाजिरी से माफी के लिए आवेदन दिया. तीनों ने दलील दी थी कि वे लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी हैं और चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए पेशी के लिए नहीं आ सकते . शिवराज सिंह चौहान ने अदालत से 7 जून तक पेशी से छूट मांगी की थी. इसपर कोर्ट ने कहा था कि 2 अप्रैल 2024 को कोर्ट में उपस्थित होकर आप यही अंडरटेंकिंग दें. पूर्व सीएम शिवराज सिंह के वकील ने 7 जून को हाजिर होने को लेकर अदालत में अर्जी लगाई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और 7 मई को स्वयं अदालत मे पेश होने के आदेश दिया है.
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हाइकोर्ट से भी पूर्व सीएम की अर्जी हो चुकी है खारिज
एमपीएमएलए कोर्ट में 22 मार्च की सुनवाई से पहले ये मामला हाइकोर्ट भी पहुंचा था, जहां जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने चुनाव व्यस्तता के आधार पर पेशी से रियायत देने से इंकार करते हुए एमपीएमएलए कोर्ट में जाने की बात कही थी.