पीलीभीत: उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार को आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट ने तीन-तीन महीने की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही 2-2 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया. ये सजा एमपी एमएलए कोर्ट की जज प्रियंका रानी ने राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार को सजा सुनाई. हलांकि सजा के ऐलान के थोड़ी देर बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई.
2012 में बसपा प्रत्याशी रहते हुए दर्ज हुआ था मुकदमा
2012 में पीलीभीत विधानसभा सीट से संजय सिंह बहुजन समाजवादी पार्टी के टिकट पर प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे.संजय सिंह गंगवार ने पहली बार 2012 में बहुजन समाज समाज पार्टी के टिकट पर पीलीभीत से चुनाव लड़ा था लेकिन उस समय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी स्व. रियाज अहमद से हार गये थे.उसी दौरान पीलीभीत के सोनगढ़ी में उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के तीन मामले दर्ज हुए मामले दर्ज हुए थे. तीन में से एक मामले में आरोप सिद्ध नहीं हो पाया ,दो मामलों में आरोप सही पाये गये. जिन मामलों में आरोप रही पाये गये उसमें 10 साल बाद एमपी एमएलए कोर्ट की न्यायाधीश प्रियंका रानी ने तीन तीन महीने की साधारण सजा सुनाई और अर्थदंड भी लगाया . कोर्ट ने कहा कि अर्थदंड नहीं पूरा करने का स्थिति में एक महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
सजा के ऐलान के तुरंत बाद मिली जमानत
वर्तमान में संजय सिंह गंगवार उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्रालय के राज्य मंत्री हैं. सजा के ऐलान के तुरंत बाद ही राज्यमंत्री को जमानत भी मिल गई.47 साल के संजय सिंह गंगवार 2022 में दूसरी बार विधायक बने हैं. पहली बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव हारने के बाद दूसरी बार बीजेपी के टिकट से मैदान में उतरे और चुनाव जीत कर विधायक बने.2022 में फिर से चुनाव जीता और वर्तमान सरकार में गन्ना विकास और चीनी मिल मंत्रालय दिया गया.