Vinesh Phogat broke her silence : Paris Olympic 2024 में सिल्वर जीत कर खाली हाथ घर आने वाली विनेश फोगाट ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है. विनेश फोगाट ने 7 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक किसी को कुछ नहीं बताया कि ओलंपिक कुश्ती फाइनल से अयोग्य घोषित होने के बाद उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ा. आब स्वदेश , अपने परिवार के पास वापस लौटन क बाद शुक्रवार को रेसलर विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया एक्स (ट्वीटर) पर तीन पन्नों की एक पोस्ट लिख कर अपनी लंबी चुप्पी तोड़ी है.
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 16, 2024
Vinesh Phogat broke her silence : ‘कहने के लिए बहुत कुछ है लेकिन शब्द कम है..’.
विनेश फोगट ने आखिरकार पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं के 50 किग्रा फाइनल से अपनी दिल तोड़ने वाली अयोग्यता पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है. स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने ओलंपिक में कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया था, लेकिन 7 अगस्त को अपने इवेंट की सुबह, विनेश का वजन 100 ग्राम पाया गया और इसलिए उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया. विनेश और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने संयुक्त रजत पदक के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अपील खारिज कर दी गई.
‘विनेश ने बताया कि पेरिस ओलंपिक उनके लिए इतना बड़ा अवसर क्यों था’
विनेश ने अपने पोस्ट में लिखा है “पहलवानों के विरोध के दौरान मैं भारत में महिलाओं की पवित्रता, हमारे भारतीय ध्वज की पवित्रता और मूल्यों की रक्षा के लिए बड़ी लड़ाई लड़ रही थी. लेकिन जब कोई 28 मई 2023 को भारतीय ध्वज के साथ मेरी तस्वीरें देखता है, तो मुझे बहुत बुरा लगता है.
मेरी इच्छा थी कि इस ओलंपिक में भारतीय ध्वज ऊंचा रहे, मेरे पास भारतीय ध्वज की एक तस्वीर हो जो वास्तव में हमारे राष्ट्री ध्वज के मूल्य का प्रतिनिधित्व करे और इसकी पवित्रता को बहाल करे. मुझे लगा कि ऐसा करने से ध्वज और कुश्ती के साथ जो हुआ, उसे सही ढंग से दर्शाया जा सकेगा. मैं वास्तव में अपने साथी भारतीयों को यह दिखाने की उम्मीद कर रही थी.”
मैंने और मेरे परिवार ने परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके- विनेश फोगाट
विनेश आगे पोस्ट में लिखती है कि “कहने को बहुत कुछ है और बताने के लिए भी बहुत कुछ है लेकिन शब्द कभी भी पर्याप्त नहीं होंगे और शायद मैं सही समय आने पर फिर से बोलूँगी. 6 अगस्त की रात और 7 अगस्त की सुबह, मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि हमने हार नहीं मानी, हमारे प्रयास नहीं रुके और हमने हार नहीं मानी लेकिन घड़ी रुक गई और समय ने साथ नहीं दिया.”
‘भविष्य में क्या लिखा है नहीं जानती,मैं हमेशा सही चीज के लिए लड़ती रहूंगी’ – विनेश फोगाट
विनेश लिखती है कि शायद यही मेरी किस्मत थी. मेरी टीम, मेरे साथी भारतीयों और मेरे परिवार को ऐसा लगता है कि जिस लक्ष्य के लिए हम काम कर रहे थे और जिसे हासिल करने की हमने योजना बनाई थी, वह अधूरा रह गया है. कुछ कमी हमेशा बनी रहेगी और शायद चीजें फिर कभी वैसी न हों. शायद अलग परिस्थितियों में, मैं खुद को 2032 तक खेलते हुए देख पाऊं, क्योंकि मेरे अंदर की लड़ाई और कुश्ती हमेशा रहेगी. मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि भविष्य में मेरे लिए क्या है और इस यात्रा में आगे क्या होने वाला है, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं हमेशा सही चीज के लिए लड़ती रहूंगी .