बीजेपी के पीलीभीत से जितिन प्रसाद को टिकट देने के बाद अब ये चर्चा चल रही है कि वरुण गांधी Varun Gandhi क्या करेंगे. ऐसे में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कहते हैं ने वरुण को कांग्रेस में आने का न्योता दिया है. कांग्रेस नेता ने कहा, “वह (वरुण गांधी) साफ-सुथरी छवि वाले एक मजबूत नेता हैं और उनका गांधी परिवार से संबंध है. यही कारण है कि भाजपा ने उन्हें (लोकसभा चुनाव में) टिकट देने से इनकार कर दिया. मुझे लगता है कि उन्हें (कांग्रेस में शामिल होना चाहिए)” हमें बहुत खुश होंगे,” कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कहते हैं (
VIDEO | “He (Varun Gandhi) is a strong leader with a clean image, and he has a connection with the Gandhi family. This is why the BJP denied him (Lok Sabha poll) ticket. I think he should come (join Congress), we will be very happy,” says Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury… pic.twitter.com/UMlFhJMUbx
— Press Trust of India (@PTI_News) March 26, 2024
पिछले लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी और वरूण गांधी के साथ आने के बड़े चर्चें थे ऐसा भी कहा जा रहा था कि कांग्रेस वरुण को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का चेहरा बना सकती है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जब प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने अपना महासचिव बनाया और उन्हें उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी तब खासकर कहा जाने लगा कि वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल होंगे.
Varun Gandhi के 2014 से ही बिगड़ने लगे थे बीजेपी स रिश्ते
2014 में पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने और अमित शाह के पार्टी की कमान संभालने के बाद से ही वरुण गांधी की सुरों में बगावत सुनाई देने लगी थी. एक वक्त ऐसा भी था जब वरुण गांधी को बीजेपी का यूपी में सीएम फेस कहा जाने लगा था. लेकिन केंद्र से रिश्ते खराब होने और योगी आदित्यनाथ के सीएम बनाए जाने से वरुण गांधी हाशियें पर पहुंच गए. वरुण की नाराज़गी दिन बा दिन उनके तल्ख होते बयानों से साफ नज़र आने लगी. 2019 आते-आते तो ये चर्चा होने लगी की शायद की वरुण को बीजेपी का टिकट मिले. लेकिन मां मेनका गांधी के संघ से मजबूत रिश्तों के चलते उन्हें टिकट तो मिला लेकिन उन्हें ये कहना पड़ा की उनके परिवार में कई प्रधानमंत्री तो हुए लेकिन पीएम मोदी जैसा कोई नहीं हुआ.
राहुल गांधी की भाषा बोलने लगे थे वरुण गांधी
2019 के बाद फिर वरुण गांधी के बोल तल्ख होते चले गए उनकी भाषा चचेरे भाई राहुल गांधी से मेल खाने लगी. खासकर 2022 दिसंबर में जब वरुण गांधी ने बयान दिया कि. “मैं न कांग्रेस के खिलाफ हूं, न पंडित नेहरू के खिलाफ. हमारे देश की राजनीति देश को जोड़ने की होनी चाहिए न कि गृहयुद्ध पैदा करने की. आज जो लोग केवल धर्म और जाति के नाम पर वोट ले रहे हैं उनसे हम रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा का सवाल तो पूछे. हमको वो राजनीति नहीं करनी जो लोगों को दबाए हमको वह राजनीति करनी है जो लोगों को उठाए.”
वरुण के इस बयान के बाद तो साफ माने जाने लगा कि वो कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे. जब पत्रकारों ने ये ही सवाल राहुल गांधी से पूछा तो उन्होंने कहा,
“राहुल गांधी से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस में वरुण गांधी के लिए जगह है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष से यह पूछना चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “मैं आरएसएस के दफ्तर नहीं जा सकता… चाहे मेरा गला काट दिया जाए… वरुण से मिल सकता हूं, और गले लगा सकता हूं – लेकिन उनकी विचारधारा को नहीं को नहीं अपना सकता.’
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