वाराणसी संसद के मानसून सत्र के शुरु होने से पहले पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा Varanasi Visit करने वाले हैं. पीएम मोदी इसी महीने की 7 तारीख (7 जुलाई) को अपने ससंदीय क्षेत्र का दौरा Varanasi Visit करेंगे और इस दौरान पीएम मोदी अपने क्षेत्र को तीन हजार करोड़ की कई योजनाओं की सौगात भी देंगे. इस दौरान पीएम मोदी कई योजनाओं का शिलायास और उद्घाटन करेंगे.
Varanasi Visit की तैयारी में जुटी योगी सरकार
पीएम मोदी के विजन को मिशन की तरह साकार करने में जुटी योगी सरकार लोकार्पण और शिलान्यास होने वाली सभी परियोजनाओं की सूची तैयार करने में जुटी है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं . Varanasi Visit को देखते हुए सारी तैयारियां अपने चरम पर हैं.
मणिकर्णिका घाट जीर्णोद्धार का शिलान्यास कर सकते हैं पीएम
हजारों वर्षों से हिंदु परंपरा में मोक्षस्थल मानी जाने वाली काशी की मणिकर्णिका घाट में जीर्णोद्धार और पुनर्विकास का काम शुरु किया जाना है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मोक्ष स्थल की धार्मिक मान्यता के महत्व को देखते हुए पीएम मोदी मणिकार्णिका घाट के जीर्णोंद्धार के काम का खुद शिलान्यास कर सकते हैं. प्रशासन प्रधानमंत्री के संभावित दौरे को लेकर अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने में जुट गया है.
वाराणसी में घाट से लेकर मंदिरों तक का होगा जीर्णोद्धार
भगवान शिव की नगरी काशी को मोक्ष दायिनी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. मान्यता है कि इसी घाट पर भगवान शिव, जीवात्मा को खुद तारक मंत्र देने आते हैं. देश के आइकॉनिक स्थलों में से एक मणिकर्णिका घाट पर शव के साथ आने वाले लोगों के लिए इसे सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए योगी सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है. मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास का काम सीएसआर फंड (CSR FUND) से होगा. नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की ओर से भी इसे लेकर अनुमति मिल चुकी है. इसमें मणिकर्णिका कुंड, रत्नेश्वर महादेव मंदिर समेत आस पास के दूसरे मंदिरों का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा.
मणिकर्निका घाट से शुरु होती है पंचकोसी यात्रा
पौराणिक मान्यता वाली धार्मिक यात्रा पंचक्रोशी परिक्रमा शुरुआत और समापन भी यहीं होता है. इसके अलावा 24 घंटे शवदाह होने वाले दुनिया के एकमात्र मोक्ष स्थल को देखने के लिए पूरी दुनिया से हज़ारों पर्यटक भी रोज यहां आते हैं. इस लिए योगी सरकार इस स्थल को एक बार फिर से इसकी धार्मिक मान्यता के मुताबिक पुनरुद्धार करने की योदना बना रही है.
नागर शैली में डेवलप की जाएंगी इमारतें
देश के आइकॉनिक स्थलों में से एक महाश्मशान मणिकर्णिका पर अपने स्वजनों का अंतिम संस्कार करने पूर्वांचल समेत बिहार, छत्तीसगढ़ से लोग पहुंचते हैं. इसे देखते हुए योगी सरकार ने मणिकर्णिका घाट और आसपास के हेरिटेज भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास करने की योजना बनाई है. जानकारी के अनुसार मणिकर्णिका घाट से तारकेश्वर मंदिर तक की इमारत को नागर शैली में डेवलप किया जाएगा. तारकेश्वर महादेव मंदिर तक तीन मंजिला और तारकेश्वर महादेव से दत्तात्रेय पादुका तक (300 से 400 मीटर) का निर्माण होगा.
17.56 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है पूरी योजना
मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास और जीर्णोद्धार की प्लानिंग और डिजाइन कर रही प्लानर इण्डिया कंपनी के चेयरमैन श्यामलाल के मुताबिक घाट और आसपास के ऐतिहासिक भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास 17.56 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है. जिसे रूपा फाउंडेशन सीएसआर फण्ड से कराने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि मणिकर्णिका घाट मोक्ष स्थल का द्वार है और यहीं पर शव पंजीकरण कार्यालय भी बनाना प्रस्तावित है. इसके अलावा शव और शव यात्रियों के लिए शवदाह स्थल तक पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते, शवदाह से पहले होने वाली धार्मिक रीति रिवाज आदि के लिए विशेष स्थान, शव स्नान आदि की व्यवस्था होगी. हाई फ्लड जोन से ऊपर दाह संस्कार स्थल बनेगा. यहाँ तक पहुँचने के लिए रैम्प का निर्माण किया जायेगा. बाढ़ के उच्चतम बिंदु से ऊपर, छत पर वीआईपी के लिए अलग से बैठने के लिए व्यवस्था होगी. घाट के पास बेतरतीब रखी लकड़ियों से शवदाह के लिए आये लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है . अब लकड़ी बेचने वालों के लिए व्यवस्थित प्लाजा बनेगा, जहां लकड़ियों का स्टोरेज भी किया जा सकेगा. जल यातायात द्वारा घाट तक लकड़ी लाने के लिए रैम्प का निर्माण, जन सुविधा के लिए शौचालय, पीने का पानी, प्रतीक्षालय, व्यूइंग एरिया, मणिकर्णिका के आसपास के हेरिटेज मॉन्यूमेंट, चक्र पुष्करणी कुंड, तारकेश्वर मंदिर, रत्नेश्वर मंदिर व दत्तात्रेय पादुका तक का भी जीर्णोद्धार होगा. इसके साथ ही वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम, इंस्टीट्यूशनल फ्रेम वर्क विद ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी भी लगाया जाएगा.
दुनियाभर से महाश्मशान को देखने आते हैं पर्यटक
बता दें कि मणिकर्णिका घाट पर सिर्फ शव दाह के लिए ही लोग नहीं आते, बल्कि विश्वभर से पर्यटक इस मोक्ष स्थली को देखने भी आते हैं। भीषण गर्मी, कड़कती ठंड, मूसलादार बारिश और तो और बाढ़ में भी यहां 24 घंटे चिताएं जलती रहती हैं. अमूमन रोज़ाना लगभग 250 से अधिक शवदाह यहां होता है. इसके साथ ही लगभग 5,000 से अधिक लोग यहां शव यात्री होते हैं. महाशिवरात्रि पर भी लगभग एक लाख श्रद्धालु पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत व समापन इसी स्थान से करते हैं. योगी सरकार अब इस पूरे क्षेत्र को बृहद् स्तर पर डेवलप करने की तैयारी में जुट गई है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री के हाथों हो सकता है।