Bribe-taking engineer sentenced , देहरादून : विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढवाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा ने रिश्वत मामले के अभियुक्त सुधाकर त्रिपाठी को दोषी पाते हुये पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25 हजार अर्थदण्ड लगाया. गौरतलब है कि 16 जुलाई 2010 को शिकायतकर्ता द्वारा सतर्कता सेक्टर देहरादून में एक शिकायती पत्र इस आशय से दिया कि वह डी श्रेणी का ठेकेदार है जिसके द्वारा फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार के निर्माण एवं सुधार कार्य के भुगतान के अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने के एवज में परिक्षेत्रीय अवर अभियन्ता सुधाकर त्रिपाठी द्वारा 25,000 रूपये की माँग की जा रही है.
Bribe-taking engineer sentenced 25 हजार लगाया अर्थदण्ड
शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून की ट्रैप टीम द्वारा नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही करते हुए अवर अभियन्ता सुधाकर त्रिपाठी को दिनांक 17 जून 2010 को शिकायतकर्ता से रू 25,000/- रिश्वत ग्रहण करते हुये रंगे हाथ गिरफ्तार किया . अभियुक्त के विरूद्ध नियमानुसार धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का अभियोग पंजीकृत कर विवेचना सम्पादित करते हुए आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया .
सतर्कता अधिष्ठान के अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र आर्य पैरोकार कानि० गोपाल की पैरवी के फलस्वरूप शनिवार को विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधि० गढवाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा ने अभियुक्त सुधाकर त्रिपाठी को दोषी पाते हुये पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25000/ हजार रू0 के अर्थदण्ड लगाया.