अयोध्या:राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है. बेसब्री से इंतजार हो रहा है 22 जनवरी का, क्योंकि तब रामलला एक बार फिर वनवास काटकर अपने घर आयेंगे.पुरुषोत्तम राम मंदिर से सामाजिक समरसता का भी संदेश पुजारियों के चयन Priests Selection से पूरे विश्व में दिया जाएगा.
Priests Selection में पूजा के लिए चुने गए 24 पुजारी
अयोध्या श्री राम मंदिर में 24 पुजारी होंगे. इन पुजारियों की खासबात यह है कि इन पुजारियों में दो अनुसूचित जाति व एक अन्य पिछड़े वर्ग का है.इन्हें तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.राम मंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और
महंत सत्यनारायण दास कर्मकांड और पौरोहित्य का प्रशिक्षण दे रहे हैं.इसके बाद इन्हें मंदिर में तैनात किया जाएगा. इन पुजारियों को रामानंदी परंपरा के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है. गुरुकुल में न तो इनके पास मोबाइल फोन है और न ही किसी बाहर के व्यक्ति से संपर्क की अनुमति है.नवंबर 2023 में 24 पुजारियों का चयन 14 सवाल के जवाब को हल करके हुआ था. 3 चरणों में इंटरव्यू के बाद 3240 अभ्यर्थियों में से 25 को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया. बाद में
एक ने अपना नाम वापस ले लिया था.
योग्यता के आधार पर पुजारियों का हुआ चयन
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया किे पुजारियों का चयन सिर्फ योग्यता के आधार पर किया गया है, न कि उनकी जाति के आधार पर.राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी ने आगे बताया कि स्वामी
रामानंद ने कहा था कि जाति-पाति पूछे न कोई, हरि का भजे सो हरि का होई. समाज को संदेश देने के लिए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा के साथ ऐसा संदेश दिया है. 2 अनुसूचित जाति, 1 पिछड़ा वर्ग समेत 24 पुजारी राम मंदिर में पूजा करेंगे.इससे पहले भी गैर ब्राह्मण पुजारी नियुक्त किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं दक्षिण भारत में तो ज्यादातर गैर ब्राह्मण पुजारी मंदिरों में तैनात हैं.

