USAID Row: भारत में यूएसएड को लेकर मचे घमासान के बीच फिर एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत में ‘मतदाता मतदान’ के लिए अब रद्द किए गए 21 मिलियन डॉलर के फंड पर निशाना साधा और इसे “रिश्वत योजना” करार दिया.
वाशिंगटन डीसी में रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर. हम भारत में मतदान की परवाह क्यों कर रहे हैं? हमारे पास पहले से ही बहुत सारी समस्याएं हैं. हम अपना खुद का मतदान चाहते हैं.”
बीजेपी ने फिर साधा कांग्रेस पर निशाना
ट्रंप के हालिया बयान और इंडियन एक्सप्रेस अखबार में छपी USAID की खबर को लेकर बीजेपी ने फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी के मीडिया सेल प्रमुख अमित मालविय ने अपने एक ट्विट में इंडियन एक्सप्रेस की खबर को फेक बताते हुए लिखा,
“फेक न्यूज़ अलर्ट , The Indian Express की रिपोर्ट 2022 में बांग्लादेश को दिए गए $21 मिलियन फंडिंग पर चर्चा करती है. हालांकि, इस लेख में $21 मिलियन की उस फंडिंग का गलत संदर्भ दिया गया है, जो भारत में मतदाता टर्नआउट को ‘बढ़ावा’ देने के लिए थी. लेकिन Indian Express ने बड़ी चतुराई से 2012 में भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) और इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) को नजरअंदाज कर दिया है. यह संगठन जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा हुआ है और इसका मुख्य वित्तपोषण USAID द्वारा किया जाता है.”
बीजेपी ने साधा राहुल गांधी पर निशाना
मालवीय ने अपने ट्विट में कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा, “आप यह जानकर हैरान होंगे कि IFES ने भारतीय चुनावों में दलितों की भूमिका पर एक श्वेत पत्र (White Paper) प्रकाशित किया था. इस रिपोर्ट में जिन शब्दों का उपयोग किया गया था, वे राहुल गांधी की हालिया बयानबाजी—प्रतिनिधित्व, भागीदारी, प्रभाव आदि—से काफी मिलते-जुलते हैं.”
पैसा 2012 में आया था. क्या 2014 में BJP इसी पैसे से जीती थी?-कांग्रेस
वहीं इंडियन एक्सप्रेस की खबर को लेकर कांग्रेस ने भी एक प्रेस कान्फ्रेंस की. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इसमें सरकार को विदेशी फंडिंग को लेकर श्वेत पत्र लाने की चुनौती दी. खेडा ने कहा, “एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि USAID ने नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए. अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 21 मिलियन डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है.”
कांग्रेस ने लगाए बीजेपी सरकार पर USAID से पैसा लेने के आरोप
उन्होंने मीडिया से कहा कि ? BJP को बोलने से पहले सोच लेना चाहिए और संघ का इतिहास देख लेना चाहिए. खेड़ा ने कहा, “मोदी सरकार के मंत्री लगातार USAID के अधिकारियों से मुलाकात करते हैं. 2024 में पीयूष गोयल 2030 तक ‘जीरो कार्बन उत्सर्जन’ के लिए USAID से पैसे लेते हैं. 10 नवंबर 2022 को देवेंद्र फडणवीस USAID से आपसी सहयोग की चर्चा करते हैं. 2016 में नोटबंदी से ठीक पहले नरेंद्र मोदी USAID से कैशलेस इकोनॉमी पर समझौता करते थे. तो क्या ये नोटबंदी अमेरिका के कहने पर हुई? . कोविड में नरेंद्र मोदी जी ने USAID से $100 मिलियन लिया, तो क्या नरेंद्र मोदी भी उनके हाथों में खेल रहे हैं? BJP को बोलने से पहले सोच लेना चाहिए और संघ का इतिहास देख लेना चाहिए. ”
संघ इंदिरा जी से बदला लेने के लिए अमेरिका के हाथ की कठपुतली बन गया-पवन खेड़
उन्होंने विदेशी फंडिग को लेकर आरएसएस पर भी निशाना साधा और कहा, “इंदिरा गांधी जी जब प्रधानमंत्री थीं, तब अमेरिका ने जय प्रकाश जी के पूरे आंदोलन की खूब तारीफ की थी. सच्चाई ये है कि RSS के दो प्रमुख नेता अमेरिका जाकर इंदिरा गांधी जी के खिलाफ उल्टी-सीधी बातें अखबारों में छपवाते थे….RSS ने नेहरू जी के खिलाफ आंदोलन किया, उसकी फंडिंग भी अमेरिका कर रहा था. इसका खुलासा खुद अमेरिका के एक जासूस ने किया है कि वे संघ को पैसा दे रहे थे.”
BJP से जुड़े NGOs भी फंड लेते हैं, सिर्फ कांग्रेस का नाम लेना गलत है- कांग्रेस
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विदेशी फंडिंग के खिलाफ नहीं है. कांग्रेस ने कहा,“हम USAID या किसी फंडिंग एजेंसी के खिलाफ नहीं हैं. देश में फंडिंग के लिए कानून हैं, जिनके तहत BJP से जुड़े NGOs भी फंड लेते हैं, लेकिन जानबूझकर सिर्फ कांग्रेस का नाम लेना गलत है. जब स्मृति ईरानी USAID की ब्रांड एंबेसडर थीं और सिलेंडर लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करती थीं, तो क्या वो प्रदर्शन USAID करवा रहा था?. अन्ना हजारे ने दिल्ली में आंदोलन किया, हमारी सरकार यहां हारी, फिर वो अमेरिका गए और रोड शो किया. फोर्ड फाउंडेशन का पैसा आता था, उसमें RSS भी शामिल था. सच्चाई ये है- नरेंद्र मोदी, ट्रंप से एकतरफा रिश्ता निभाते हुए देश की साख पर बट्टा लगा रहे हैं.”
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