दिल्ली : मणिपुर मे दो महिलाओ को निर्वस्त्र करके यौन हिंसा के मामले में दो दिन के हंगामे के बाद आज तीसरे दिन भी विपक्ष संसद (Parliament )में सरकार को घेरने की तैयारी में है. विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर संसद (Parliament )के अंदर आ कर बयान दें.
Parliament में बीजेपी ने भी जवाब देने के लिए बनाई रणनीति
विपक्ष के हंगामे का जवाब देने के लिए सरकार ने भी रणनीति बनाई है. जिसके मुताबिक बीजेपी राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत देश के दूसरे हिस्सों में जहां बीजेपी की सरकार नहीं है, उन राज्यों में महिलाएं के साथ होने वाले अपराधों के बारे में काउंटर सवाल उठायेगी.
संसद(Parliament )में कहां फंसा है मामला
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए अमानवीय यौन हिंसा को लेकर पूरे देश में आक्रोश है, इसे विपक्ष ने संसद में अपना हथियार बनाया है और इस मामले पर पीएम मोदी का संसद के अंदर बयान की मांग पर अड़ा है. विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री जब तक इस मुद्दे पर सदन के भीतर आकर जवाब नहीं देते हैं, विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहेगा, वहीं सरकार की तरफ से कहा गया है कि सरकार मणिपुर के मामले पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए पहले सदन को अर्डर में आना होगा.
मणिपुर के जवाब में बीजेपी उठायेगी बंगाल का मुद्दा
विपक्ष के मणिपुर पर उठाये जा रहे सवाल के जवाब मे बीजेपी ने भी काउंटर अटैक करने की प्लानिंग की है. खबर है कि बीजेपी आज संसद भवन परिसर में गांधी प्रतीमा के पास धरना प्रदर्शन करेगी. बीजेपी ने सभी सासंदो को बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में महिलाओं पर हुए अत्याचारों के खिलाफ आवाज के लिए निर्देशित किया है . बीजेपी का प्रदर्शन सुबह 9.30 बजे शुरु होगा.
पक्ष-विपक्ष के बीच महिलाओं अपराधों के आंकड़े पर खेल
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर नीयत और नीतियों को लेकर हल्ला बोल दिया है.यहां तक कि सत्तापक्ष के लिए इनका जवाब देना कठिन हो रहा है.वहीं विपक्ष के हमलावर रुख का समाना करने के लिए बीजेपी ने गैर बीजेपी शासित राज्यो में महिलाओ के खिलाफ होने वाले अपराधों का पूरा आंकड़ा निकाल लिया है.इन आंकड़ों के सहारे देश में सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष दोनों एक दूसरे को शह और मात देने के खेल में लगे है जैसे ये देश कोई खेल का विसात हो , लेकिन जितने कड़े रुख के साथ इस समय विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है,ऐसा लगता नहीं है कि जल्द ये मामला सुलझेगा और संसद का कामकाज सुचारु रुप से चल पायेगा.