गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की उम्मीदवारी अब लगभग खत्म ही समझिए. हाईकोर्ट में अपनी सजा पर रोक लगावाने पहुंचे अफज़ाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. 19 अप्रैल को समय की कमी के चलते कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की थी तो आज 2 मई को यूपी सरकार ने एक अर्जी दायर कर मामले Afzal Ansari Case को और पेचीदा बना दिया है. यूपी सरकार ने अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में मिली 4 साल की सजा को बढ़ाए जाने की मांग करने हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है.
कोर्ट में यूपी सरकार और अफज़ाल की याचिका पर एक साथ होगी सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यूपी सरकार की अर्जी और अफज़ाल अंसारी की अपील को एक साथ सूचीबद्ध किए जाने का निर्देश दिया है. इस मामले में अब कल यानी तीन मई को सुनवाई होगी. आज इस मामले में बहस शुरु नहीं हो पाई
जल्द राहत नहीं मिली तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे Afzal Ansari
वैसे तो अफज़ाल अंसारी की सीट गाज़ीपुर में चुनाव सातवें चरण यानी 1 जून को होगा. लेकिन इसके लिए नोटिफिकेशन 7 मई को जारी किया जाएगा. 14 मई तक नामांकन दाखिल होंगे और 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच के बाद उम्मीदवारों को 17 मई तक पर्चा वापसी का मौका दिया जाएगा. यानी हाइकोर्ट में अगर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो अफजाल अंसारी की उम्मीदवारी खतरे में पड़ जाएगी. 4 साल की सज़ा के चलते वो चुनाव नहीं लड़ सकते. वैसे अफज़ाल अंसारी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है.
सुप्रीम कोर्ट ने Afzal Ansari Case में 30 जून तक हाई कोर्ट से सुनवाई पूरी करने कहा
जैसा की हमने बताया की हाईकोर्ट का फैसला आने तक सुप्रीम कोर्ट ने अफज़ाल अंसारी की सजा पर रोक लगा रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून तक अफजाल अंसारी की क्रिमिनल अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने को कहा है.
कृष्णानंद राय हत्याकांड में सुनाई गई थी सजा
आपको बता दें कि 29 नवंबर 2005 को हुई कृष्णानंद राय हत्याकांड में 16 साल के बाद 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी(Afzal Ansari) और उसके गैगस्टर भाई मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई थी. मुख्तार अंसारी को 10 साल और अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई . दोनों माफिया भाइयों के गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है. जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने नोटिस जारी कर अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी.