उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों से पहले 10 राज्यसभा सीटों के साथ ही 13 विधान परिषद की खाली होने वाली सीटों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने रणनीति बनानी शुरु कर दी है.
आपको बता दें , उत्तर प्रदेश के 10 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. वहीं राज्य विधान परिषद के 13 एमएलसी का कार्यकाल भी 5 मई को समाप्त हो रहा है.
लोकसभा चुनाव से पहले ताकत दिखाने की होगी कोशिश
यूपी में राज्यसभा और विधानसभा का चुनाव ठीक अप्रैल-मई में होने वाले 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले होगा. इसका मतलब ये होगा कि ये मौका होगा सभी पार्टियों को अपनी ताकत दिखाने का. एक तरफ जहां बीजेपी राज्यसभा और विधान परिषद में अपनी ताकत बढ़ाने की हर संभव कोशिश करेगी वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की कोशिश अपनी ताकत को बरकरार रखने की होगी. से में बीजेपी की कुछ “अतिरिक्त सीट” पाने की कोशिश में क्रॉस-वोटिंग की संभावना बढ़ जाएगी.
यूपी 31 सांसद राज्यसभा भेजता है
जानकारी के मुताबिक राज्यसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग का कार्यक्रम अभी तक नहीं आया है, आमतौर पर ये चुनाव कार्यकाल समाप्त होने से लगभग एक महीने पहले आता है जिसका मतलब यह है कि राज्यसभा चुनाव मार्च में हो सकते हैं. इसी तरह विधान परिषद में मई की रिक्तियों को एक महीने पहले अप्रैल में भरा जा सकता है.
403 सदस्यों वाली विधानसभा में किसकी कितनी है ताकत
बात अगर मौजूदा विधानसभा कि करें तो 403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा में बीजेपी और सहयोगी दलों के साथ-साथ राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दल आरएलडी की सीटे मिलाकर 397 विधायक हो जाते है.
जबकि दो मुख्यधारा की पार्टियाँ – कांग्रेस (2 विधायक) और बहुजन समाज पार्टी (1 विधायक) इन मुकाबलों में लगभग महत्वहीन हो जाती हैं.
बीजेपी के पास इस समय 254 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13 और निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास 6-6 विधायक हैं. वहीं विपक्षी समाजवादी पार्टी (109) और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (9) के पास कुल मिलाकर 118 विधायक हैं.
अधिकारियों के मुताबिक विधान परिषद में किसी भी सदस्य को निर्वाचित कराने के लिए पार्टियों को लगभग 31 वोटों की जरुरत होगी, जबकि राज्यसभा के लिए लगभग 32 वोटों की आवश्यकता होगी.
मई के बाद कांग्रेस की तरह ही विधान परिषद में बीएसपी का प्रतिनिधित्व भी खत्म हो जाएगा. बीएसपी के एकमात्र एमएलसी भीमराव अंबेडकर रिटायर हो रहे हैं.
मई में कार्यकाल खत्म होने वाले एमएलसी की लिस्ट
इनमें बीजेपी के 10, अपना दल (एस), एसपी, बीएसपी के 1-1 सदस्य शामिल हैं.
महेंद्र कुमार सिंह
विजय बहादुर पाठक
मोहसिन रज़ा
विद्या सागर सोनकर
सरोजिनी अग्रवाल
यशवंत सिंह
अशोक कटारिया
अशोक धवन
बुक्कल नवाब
निर्मला पासवान
आशीष पटेल – (अपना दल-एस)
नरेश उत्तम (एसपी)
भीम राव अम्बेडकर (बसपा)
10 राज्यसभा सांसद जिनका कार्यकाल अप्रैल में ख़त्म हो रहा है:
इनमें बीजेपी के 9, एसपी का 1 विधायक शामिल हैं
अशोक बाजपेयी
अनिल जैन
अनिल अग्रवाल
कांता कर्दम
सकलदीप राजभर
जीवीएल नरसिम्हा राव
सुधांशु त्रिवेदी
हरनाथ सिंह यादव
विजय पाल तोमर
जया बच्चन – (सपा)
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