पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के बीच केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर कल रात 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया. घटना के वक्त मंत्री इंफाल स्थित घर पर नहीं थे.
ऐसा लगता है जैसे यह मेरे जीवन पर हमला है- आरके रंजन सिंह
मंत्री ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि, “मैं कोच्ची में हूं और अपने राज्य (मणिपुर) में नहीं हूं. मैंने बड़ी मेहनत से अपना घर बनाया था. मेरे घर पर हमला होने पर मुझे दुख है और अपने राज्य के नागरिकों द्वारा ऐसे रवैये की अपेक्षा नहीं की थी.” रंजन सिंह ने आगे कहा कि, “मुझे बताया गया कि घर में आग लगी थी लेकिन लोगों ने दमकल की गाड़ी वहां तक पहुंचने नहीं दी. ऐसा लगता है जैसे यह मेरे जीवन पर हमला है. यह दिखाता है कि मणिपुर में क़ानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है और मौजूदा सरकार शांति व्यवस्था बनाने में विफल रही है. मैंने PM और गृह मंत्री को बता दिया है.”
इंफाल में कर्फ्यू के बावजूद मंत्री के घर कैसे पहुंची भीड़
गुरुवार रात भीड़ ने विदेश राज्य मंत्री आर.के. रंजन सिंह के इंफाल के कोंगबा में स्थित उनके आवास पर हमला किया.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इंफाल में कर्फ्यू के बावजूद, उत्तेजित भीड़ कोंगबा में मंत्री के घर तक पहुंचने में कामयाब रही, जहां घटना के समय नौ सुरक्षा एस्कॉर्ट कर्मी, पांच सुरक्षा गार्ड और आठ अतिरिक्त गार्ड कथित तौर पर ड्यूटी पर थे.
एक सुरक्षाकर्मी के अनुसार, भीड़, जिसमें लगभग 1200 लोग शामिल थे, ने हमले के दौरान सभी दिशाओं से पेट्रोल बम फेंके.
एस्कॉर्ट कमांडर एल दिनेश्वर सिंह ने कहा, “हम इस घटना को रोक नहीं सके क्योंकि भीड़ बहुत अधिक थी और हम स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सके. उन्होंने सभी दिशाओं से पेट्रोल बम फेंके. बिल्डिंग के पीछे वाली गली से और सामने के प्रवेश द्वार से. इसलिए हम भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकें.”
#WATCH मणिपुर: भीड़ ने गुरुवार देर रात को विदेश राज्य मंत्री आर.के. रंजन सिंह के इंफाल के कोंगबा में स्थित उनके आवास पर हमला किया। pic.twitter.com/8LPmRzwaUr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 16, 2023
पिछले महीने मेइती और कुकी समुदायों के साथ मंत्री ने की थी बैठक, पीएम को लिखा था पत्र
हिंसा प्रभावित राज्य में शांति लाने के लिए विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने पिछले महीने मणिपुर के मेइती और कुकी समुदायों के बुद्धिजीवियों के एक समूह के साथ बैठक की थी. मंत्री ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को उन स्थानीय राजनेताओं की “पहचान और निंदा” करने के लिए भी लिखा जो मणिपुर में परेशानी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.
आपको बता दें मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में हिंसा शुरू हुईं है.
मणिपुर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए-राहुल गांधी
इस बीच कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर नहीं जाने और वहां के बिगड़ते हालात को लेकर चिंता जता रही है. गुरुवार को भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक सर्वदलिय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की. राहुल ने लिखा, “भाजपा की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को 40 से अधिक दिनों तक जलाए रखा, जिसमें सौ से अधिक लोग मारे गए.
पीएम भारत को फेल कर चुके हैं और पूरी तरह खामोश हैं. हिंसा के इस चक्र को समाप्त करने और शांति बहाल करने के लिए राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए. आइए इस ‘नफ़रत का बाज़ार’ को बंद करें और मणिपुर में हर दिल में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलें.”
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