दो दिन के राजस्थान दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने आज राजस्थान की कांग्रेस सरकार और नेता राहुल गांधी पर जम कर हमला बोला. राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी टीशर्ट पहन कर देश जोड़ने निकले हैं. गौरतलब है कि जब से कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा शुरु की, जब से बीजेपी किसी ना किसी तरह से लगातार कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं पर हमलावर है. खासकर राहुल गांधी पर. यात्रा शुरु होने के पहले दिन बीजेपी ने कहा कि क्या कांग्रेस देश को खंडित मानती है इसलिए भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है, तीसरे दिन बात टीशर्ट पर आ गई. मोदी सरकार के नंबर दो अमित शाह ने उस बहस को तूल दे दिया है जिसमें कपड़ों की बात कर राजनीति में मुख्य मुद्दे से बात भटका दी जाती है. यही काम एक समय में कांग्रेस ने किया था जब उन्होने पीएम मोदी के सूट को दस लाख का बता कर इसे एक मुद्दा बना दिया था.
अमित शाह ने केवल राहुल गाँधी के विदेशी टीशर्ट की ही बात नहीं कि बल्कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक हगलौत से भी कई सवाल किये .जोधपुर के बूथ अध्यक्ष संकल्प महासम्मेलन को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलौत को कहा कि “मैं आपको आपको वादे याद कराने आया हूं.2018 में राहुल बाबा के साथ अंट संट वादे किये थे, 5 साल होने को आये हैं,भाजपा आपका हिसाब मांगती है.
गृहमंत्री शाह ने कहा कि आज जिस तरह से राजस्थान में सरकार चल रही है,इससे हम सभी दुखी हैं. राजस्थान में चल रही सरकार ने प्रदेश को विकास में सबसे पीछे ले जाने का काम किया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को जोधपुर में बीजेपी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओ के संबोधन के साथ प्रदेश में विधान सभा 2023 और देश में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज कर दिया है.अपने पूरे संबोधन में गृहमंत्री के निशाने पर राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस और राहुल गांधी रहे.अमित शाह ने केवल राज्य सरकार को ही निशान पर नहीं लिया बल्कि हिंदुत्व कार्ड भी खेल गये. शाह ने सवाल किया कि
उदयपुर में हमारे भाई कन्हैयालाल की हत्या हुई, इसे आप सहन करेंगे क्या?
करौली में हुई हिंसा आप सहन कर लेंगे क्या?
अलवर मे तीन सौ साल पुराने मंदिर का तोड़ा जाना आप सहन कर लेंगे क्या?
भीलवाड़ा मे हुए दंगो को सहन कर लेंगे क्या?
हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध लगाना सहन कर लेंगे क्या?
इस तरह के सवालो के साथ गृहमंत्री अमित शाह ने ये भी साफ कर दिया है कि आने वाले चुनाव मे भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण ही चुनावों में मुख्य मुद्दा रहेगा