Tuesday, July 22, 2025

उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा क्यों नहीं है सामान्य घटना, इस्तीफे पर क्यों बार-बार उठ रहे हैं सवाल ?

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VP Dhankhar Resigns Why ! : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से लगातार ये कयास लगाये जा रहे है कि आखिर वो क्या वजह रही कि अचानक उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उपराष्ट्रपति ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन  राज्यसभा की चेयर भी संभाली और कई बैठकों में भी हिस्सा लिया लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि जगदीप धनखड़ अचानक ऐसा कोई फैसला ले लेंगे. धनखड़ बिना किसी अपॉइंटमेंट के राष्ट्रपति भवन पहुंचे और अपना इस्तीफा राष्ट्रपति मूर्मू को सौंप दिया.

VP Dhankhar Resigns Why !- लग रहे हैं कई कयास  

राजनीतिक हलकों में उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को एक बड़ी घटना माना जा रहा है और कयास लगाये जा रहे है कि ये किसी होने वाली बड़ी घटना की शुरुआत है.कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि संसद में मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार की दोपहर को कोई बड़ा घटनाक्रम हुआ था, शायद इसी के कारण उपराष्ट्रपति ने ऐसा फैसला लिया .

‘उपराष्ट्रपति के स्वास्थ कारणों पर भरोसा करना मुश्किल’

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जगदीप घनखड़ ने स्वास्थ कारणो का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया लेकिन जिस तरह से उपराष्ट्रपति ने सोमवार को दिन भर सदन की कार्रवाही चलायी और उनके आगे के कार्यक्रम की तैयारियां थी, उसे देखते हुए राजनीतिक हलकों मे ये बात कही जा रही है कि उपराष्ट्रपति ने अपने इस्तीफे की जो वजह बताई है, दरअसल  इस्तीफे की वो वजह है नहीं बल्कि इस्तीफे की वजह जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग से जुड़ा है.

रिपोर्ट के मुताबिक उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग चलाने के लिए विपक्ष द्वारा लाया गया प्रस्ताव है. रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि संसद में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के द्वारा लाये गये 50 सासंदो के हस्ताक्षर वाले प्रस्ताव के बाद उपराष्ट्रपति को केंद्र से एक फोनकॉल आया, जहां बातचीत बहस में बदल गई. जिससे बाद उपराष्ट्रपति धनकड़ के पास इस्तीफा देने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था. एनडीटीवी सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति ने खुद इस्तीफा देकर अपने आप को  सरकार समर्थित अविश्वास प्रस्ताव के बाद होने वाले अपमान से बचा लिया.

 विपक्ष के लाये प्रस्ताव के स्वीकार करने के बाद शुरु हुआ मामला 

जब विपक्ष जस्टिस यशवंत वर्म के खिलाफ 50 सांसदो के हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव लेकर आया तो उपराष्ट्रपति ने उसे स्वीकार कर लिया और कहा कि वो इस महासचिव से आवश्यक कदम उठाने के लिए कहैंगे.  एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार केंद्र को उपराष्ट्रपति का ये कदम रास नहीं आया. दरअसल  उपराष्ट्रपति के द्वारा विपक्ष समर्थित नोटिस स्वीकार करने से सरकार को न्यायाधीश और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का मौका नहीं मिला. सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने उपराष्ट्रपति धनकड़ को फोन करके इस मुद्दे पर चिंता जताई. उपराष्ट्रपति ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और बातचीत जल्द ही बहस में बदल गई. सूत्रों के अनुसार, बहस के दौरान उपराष्ट्रपति ने अपने पद की शक्तियों का भी हवाला दिया.

जानकारी के मुताबिक इस तीखी बहस के बाद ही उपराष्ट्रपति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलें शुरू हो गईं.धनखड़ को इसकी भनक लग गई और उन्होंने बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बजाय पद छोड़ने का फैसला किया.सोमवार को ही रात करीब 9.25 बजे उन्होने अपने ट्वीटर हैंडल पर ये जानकारी साझा की कि उन्होने स्वास्थ कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक्स पर उन्होंने अपने इस्तीफे की कॉपी भी साझा की.

उपराष्ट्रपति धनकड़ संसद में नहीं देंगे विदाई भाषण  

मंगलवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने उपराष्ट्रपति का इस्तीफा मंजूर कर लिया . इस बीच एक और खबर ने हलचल मचा दी है. खबर है कि उपराष्ट्रपति का विदाई भाषण भी शायद “स्वास्थ्य कारणों” से नहीं होगा.  कांग्रेस के नेता ने इस घटनाक्रम को काफी रहस्यमयी बता रहे हैं , वहीं सरकार की तरफ से इसपर पूरी तरह से चुप्पी है.

उपराष्ट्रपति के साथ बैठक में शामिल नहीं हुए थे जेपी नड्डा

विपक्ष ने सोमवार शाम 4.30 बजे हुई बिजनस एडवायजरी कमिटी की बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरण रिजिजू के मौजूद ना रहने पर भी सवाल उठाया. विपक्ष का कहना है कि उपराष्ट्रपति इस बात से भी नाराज़ थे. विपक्ष ने सोमवार को राज्यसभा में जेपी नड्डा की टिप्पणी उस टिप्पणी पर भी सवाल उठाया है जिसमें उन्होने मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद कहा था कि “केवल वही जो मैं कहूँगा, वही रिकॉर्ड में जाएगा.” विपक्ष के मुताबिक इस टिप्पणी ने आसन का अपमान किया है, जिसके पास सदन की कार्यवाही चलाने का अधिकार है और धनखड़ इससे भी नाराज़ थे.

 जेपी नड्डा ने अपने बयान पर दी सफाई

राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने सदन के अंदर दिये गये अपने बयान पर सफाई दी है. नड्डा ने कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा वो विपक्ष के लिए था ना कि सभापति के लिए. शाम 4.30 बजे की बैठक में शामिल ना होने के बारे में कहा कि “किरेन रिजिजू और मैं माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई शाम 4.30 बजे की बैठक में शामिल नहीं हो सके क्योंकि हम एक अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्य में व्यस्त थे. इस संबंध में उपराष्ट्रपति कार्यालय को पूर्व सूचना दे दी गई थी.”

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि इस अचानक इस्तीफे के पीछे का कारण तो केवल उपराष्ट्रपति जानते हैं या सरकार जानती है. हमें इस पर कुछ नहीं कहना है.

दस दिन पहले ही उपराष्ट्रपति ने कहा था- 2027 में होउंगा रिटायर   

74 वर्षीय जगदीप धनकड़ ने 10 दिन पहले ही एक कार्यक्रम के दौरान कहा था अगर कोई दैवीय घटना ना हो तो वो सही समय पर अगस्त 2027  सेवानिवृत्त हो जाएँगे.

 23 जुलाई के लिए उप राष्ट्रपति का कार्यक्रम तय था 

इसक अलावा उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से थोड़ी देर पहले ही एक की सूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि

“ उपराष्ट्रपति 23 जुलाई को जयपुर (राजस्थान) जायेंगे. रियल स्टेट डेवलपर्स संघ (CREDAI) की नवनिर्वाचित समिति से संवाद करेंगे.

इस निमंत्रण पत्र मे साफ साफ लिखा गया है कि

भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप घनकड़ 23 जुलाई 2025 को एक दिवसीय दौरे पर जयपुर (राजस्थान) जायेंगे.अपनी इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति जयपुर स्थित रामबाग पैलेस में नवनिर्वाचित सदस्यो से मुलाकात करेंगे .

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