Saturday, December 28, 2024

Delhi में भी नहीं तो और कहां ? मरीज को नहीं मिला वेंटिलेटर,तोड़ा दम

नई दिल्ली   देश भर के लोग इलाज के लिए दिल्ली Delhi की तरफ आते हैं.यहां बड़े बड़े अस्पताल और वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी के दावे हैं. लेकिन इन दावों पर उस समय पानी फिर गया जब Delhi में वेंटिलेटर की तलाश में एक मरीज एक अस्पताल से  दूसरे अस्पताल के चक्कर काटता रहा. दो अस्पतालों ने वेंटिलेटर उपलब्ध ना होने का हवाला देते हुए मरीज को भर्ती ही नहीं किया, नजीता ये हुआ कि मरीज की जान चली गई.

Delhi पुलिस की गाड़ी से कूद गया था आरोपी

मामला उत्तरी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके का है, जहां 2 जनवरी की शाम एक महिला ने पुलिस को फोन कर शिकायत की कि उनके घर के बाहर कोई व्यक्ति गाली गलौज कर रहा है. महिला की शिकायत पर दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और गाली गलौज कर रहे प्रमोद नाम के व्यक्ति के पूछताछ के लिए गाड़ी मे बिठा लिया और पुलिस चौकी की ओर ले जाने लगे. पुलिसकर्मियों का कहना है कि प्रमोद ने पुलिस वालों से कहा कि उसे उल्टी आ रही है. पुलिसवालो ने गाड़ी में उसके बगल का शीशा खोल दिया. जैसे ही शीशा खुला उसने गाड़ी से छलांग लगा दी और सड़क पर गिर गया. सड़क पर गिरने के कारण उसके सिर मे चोट लगी. पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रमोद उस समय शराब के नशे में था. सिर में चोट लगने के कारण जब हालत खराब होगने लगी तो पुलिस वाले उसे लेकर अस्पताल भागे.

दो अस्पतालों ने वेंटिलेटर उपलब्ध ना होने के बात कर लौटाया

पुलिसकर्मी आरोपी प्रमोद को लेकर पहले जीटीवी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां सीटी स्कैन की सुविधा ना होने के कारण एलएनजेपी रेफर कर दिया गया. एलएनजेपी में भी वेंटिलेटर खाली ना होने के कारण भर्ती करने से मना कर दिया गया. एमएनजेपी ने वेंटिलेटर ना होने के कारण मरीज को रामनोहर लोहिया अस्पताल (RML) रेफर कर दिया. पुलिस मरीज को लेकर एनएनजेपी से आरएमएल लिए निकली ही थी कि  एमएनजेपी से बाहर आते ही उसकी मौत हो गई.  दो अस्पतालों से घुमाये जाने के बाद आखिरकार  मौत से लड़ रहे प्रमोद ने दम तोड़ दिया.

अब  जांच की जा रही है कैसे हुई मौत ?

इस मामले में जब अस्पताल प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो RLM अस्पताल ने बात करने से ही इंकार कर दिया वहीं एनएनजेपी ने कहा कि वो जांच कर रहे हैं. फिलहाल ये जांच की  रही है कि मरीज की मौत इलाज नाम मिलने के कारण हुई या मौत की कोई और वजह थी.

सवाल ये हैं कि अगर इमरजेंसी की हालत में देश की राजधानी दिल्ली में एक  क्रिटिकल  मरीज के लिए जरुरी सुविधाएं नहीं हैं तो किसी औऱ जगह से क्या उम्मीद की जा सकती है?

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