Tuesday, April 15, 2025

क्या अमेरिकी लोग अब पुराने कपड़े पहनेंगे के लिए होंगे मजबूर,ट्रंप टैरिफ ने बाजार में मचाई खलबली

Trump Tariff Clothing Market : अमेरिकी फर्स्ट का झंडा बुलंद करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने दुनिया के देशों में तो तबाही मचाई ही है लेकिन इसके बुरे परिणाम से अमेरिका भी बचा नहीं है. ट्रंप के टैरिफ नीति ने अमेरिका में फास्ट फैशन इंडस्ट्री को हिला दिया है.

Trump Tariff Clothing Market : चीनी सामानों के आयात पर लगेगा 145 फीसदी तक टैक्स  

अमेरिका में अब चीन से आने वाले 800 डॉलर से कम के पार्सल टैक्स-फ्री यानी De Minimis Exemption पर थे लेकिन अब इसे  खत्म कर दिया गया है. पार्सल टैक्स-फ्री सिस्टम के खत्म हो जाने के बाद से अमेरिका से आने वाले शीन, टेमू और अली एक्सप्रेस (Shein, Temu and Ali Express) जैसे चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को भारी नुकसान होने वाला है. 2 मई से अब  इन पार्सल्स पर भी 120 फीसदी टैरिफ लगेगा, जिसके बाद यहां मिलने वाले सस्ते कपड़ों और घरेलू सामानों की कीमतें आसमान छूने लगेंगी.

टेक्स फ्री होने के कारण सस्ती कीमत पर मिलते थे कपड़े 

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक अमेरिका में 800 डॉलर या उससे कम की कीमत के पार्सल पर कोई टैरिफ नहीं लगता था. इसी के चलते Shein, Temu, Aliexpress जैसे ब्रांड्स अमेरिका में बेहद सस्ते दामों पर कपड़े और दूसरे उत्पाद बेचते थे लेकिन अब 2 मई से यह छूट खत्म कर दी गई है.

सेकंड हैंड कपड़ों के मार्केट में जगी उम्मीद  

जानकारों का मानना है कि अब जब नये कपड़ों के आयात कम  हो जायेंगे तब यहां के सेकेंड हैंड मार्केट को बड़ा फायदा हो सकता है. ऑनलाइन सेकेंड हैंड स्टोर थ्रेडअप को उम्मीद है कि जब फास्ट फैशन महंगे हो जायेंगे तब लोग पुराने कपड़ों की तरफ रुख करेंगे. कंपनी का कहना है पिछले कई सालों से उनकी मांग थी कि  डी मिनिमिस छूट को खत्म किया जाये क्योंकि इस छूट के कारण  फास्ट फैशन को अनफेयर एडवांटेज मिलता है.थ्रेडअप कंपनी के सर्वे के मुताबिक 60 फीसदी अमरिकियों का मानना है कि नये कपड़े  महंगे हुए तो लोग सेकेंड हैंड मार्केट की तरफ रुख करेंगे.

कई फैशन ब्रांड ने शिफ्ट किया प्रोडक्शन  

ऐसी आशंकाओं को देखते हुए फास्ट फैशन ब्रांड्स जैसे H&M और यूनिक्लो जैसी कंपनियों ने अपने प्रोडक्शन वियतनाम, बांग्लादेश जैसे देशों में शिफ्ट कर लिया है. इन देशों में टैरिफ अभी 90 दिनों के लिए रोके गए हैं. अगले कुछ महीनों में ये साफ होगा जायेगा कि क्या ट्रंप टैरिफ के कारण वाकई में अमेरिकी कंज्यूमर्स की शॉपिंग की आदतें बदल जाएंगी. फिलहाल तो फास्ट फैशन का जादू बरकरार है.

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