Thursday, October 23, 2025

‘जातीय राजनीति’ पर प्रशांत किशोर का तंज, कहा – बिहार के नेता जाती का इस्तेमाल अपने परिवार और स्वार्थ के लिए कर रहे हैं…

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मोतिहारी, पूर्वी चंपारण: बिहार की राजनीति इन दिनों उफान पर है . एक तरफ JDU और RJD के बीच खींचतान तो वहीं दूसरी तरफ एक के बाद एक जनता के बीच अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए यात्राओं का दौर . जहां एक तरफ राहुल गाँधी अपनी यात्रा के लेकर धीरे बिहार की और बढ़ रहे हैं . वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज यात्रा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा भी ख़ासा चर्चा का विषय बनी हुई है. लेकिन इन सब के बीच जातिगत जनगणना बिहार की राजनीति में एक नया ट्रेंडिंग टॉपिक बनकर सामने आया है . इसी मुद्दे पर अपनी राये रखते हुए रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सत्ता पक्ष पर हमला बोला है.

पीके ने क्या कहा ?

दरअसल प्रशांत किशोर ने मोतिहारी में मीडिया से बातचीत के दौरान जातीय राजनीति के सवाल पर कहा कि बिहार में समाजवाद के नाम पर गरीबी का बंटवारा हुआ है. आज बिहार में नेता जाति की भी राजनीति नहीं कर रहे हैं. वो सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं. बिहार के लोगों को जाति-समूहों में बांटकर राजनेताओं ने अपनी रोटी सेकने का काम किया है. जात की राजनीति आप तब कहेंगे न जब लालू अपने जात से किसी यादव लड़के को आगे बढ़ने-बढ़ाने की बात करते नजर आएं. मांझी जी, कहां कहते हैं कि मुसहर समाज के लड़के को आगे बढ़ाना है?

ये तो अपने और अपने परिवार के लोगों और घर के लड़को को आगे बढ़ाने की बात करते हैं. अगर जातियों की भी राजनीति हुई होती तो आज यादव समाज के लोग धनी हो गए होते. कम से कम 13 प्रतिशत बिहार के लोग अच्छे हो गए होते. बिहार के नेता जाती का इस्तेमाल कर रहे हैं, अपने परिवार और स्वार्थ की राजनीति को मजबूत करने के लिए.

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