Monday, July 14, 2025

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की ‘चल मन वृन्दावन’ कॉफी टेबल बुक लॉन्च

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केंद्रीय पेट्रोलियम और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ‘चल मन वृन्दावन’ कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा समर्थित इस प्रकाशन का शुभारंभ भाजपा सांसद, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री और शास्त्रीय नृत्यांगना हेमा मालिनी, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य, ‘चल मन वृन्दावन’ के लेखक और संपादक डॉ. अशोक बंसल और पुस्तक के प्रकाशक व बिमटेक के निदेशक डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया.

क्या है ‘चल मन वृन्दावन’?

‘चल मन वृन्दावन’ जैसा कि शीर्षक से स्पष्ट है, पाठकों को मथुरा से सिर्फ 12 किमी दूर स्थित विश्व स्तर पर प्रसिद्ध मंदिर-नगर वृन्दावन की समृद्ध विरासत का मनोरम दृश्य दिखाता है. यह आध्यात्मिक शहर वृन्दावन के प्रति एक हार्दिक श्रद्धांजलि है. जो इसके गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सार को सामने लाता है. यह पुस्तक पाठकों को श्री कृष्ण की कहानियों द्वारा छुए गए पवित्र परिदृश्यों की यात्रा पर ले जाती है और उन दूरदर्शी लोगों का जश्न मनाती है.

हेमा मालिनी ने बताया वृंदावन से अपना खास रिश्ता

इस बुक लॉन्च इवेंट में सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने इस क्षेत्र के साथ अपना संबंध बताते हुए कहा, ‘वृंदावन हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है. यह पुस्तक इसके सार को खूबसूरती से दर्शाती है और मुझे यकीन है कि यह कई लोगों को इस पवित्र शहर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गहराई का पता लगाने के लिए प्रेरित करेगी.’

जबकि इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने परियोजना के साथ इंडियनऑयल के सहयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘इंडियन ऑयल हमेशा हमारी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों से जुड़ी पहलों का समर्थन करने में सबसे आगे रहा है. ‘चल मन वृन्दावन’ भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.’

हरदीप सिंह पुरी ने डाली बुक लॉन्च पर रौशनी

वहीं इस मौके पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘वृंदावन लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है. यह पुस्तक केवल चंद पन्नों का संग्रह मात्र नहीं है, बल्कि इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता की गलियों से होकर गुजरती है। मैं इस तरह की नेक पहल का समर्थन करने के लिए इंडियन ऑयल की सराहना करता हूं.’

दरअसल, मथुरा की राजसी विरासत के साथ-साथ, यह कॉफी टेबल बुक अधिक गतिशील, समृद्ध और पर्यावरण-अनुकूल मथुरा को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल के निरंतर अभियान को भी खूबसूरती से प्रस्तुत करती है.’

 

 

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