दिल्ली : बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में बारे में रेलवे की तरफ से बताया जा रहा है कि एक्सीडेंट केवल कोरमंडल एक्सप्रेस का हुआ था. बाकी की एक यात्री ट्रेन हावड़ी यशवंतपुर एक्सप्रेस और ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी इनकी चपेट में आने से दुर्घनाग्रस्त हुई. दिल्ली में आज रेलवे बोर्ड ने मेंबर जया वर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेस कर पूरे मामले के बारे में अब तक जो जांच हुई है, उसके बारे में विस्तार से बताया. रेलवे की तऱफ से रेलवे बोर्ड मेंबर जया वर्मा ने बताया कि “जिस वक्त हादसा हुआ उस समय मौके से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी. इस ट्रेन की रफ्तार 126 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. लगभग पूरी ट्रेन निकल गई थी .तभी आखिरी के दो डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के उछलकर आए और डिब्बे से टकरा गए. इससे वे भी पटरी से उतर गए”
जब हादसा हुआ उस समय मौके से बेंगलुरु हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी. ट्रेन की रफ्तार 126 KM प्रतिघंटा थी. लगभग पूरी ट्रेन निकल गई थी .आखिरी के 2 डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के उछलकर आए और डिब्बे से टकरा गए. इससे वे भी पटरी से उतर गए” जया वर्मा , मेंबर रेलवे बोर्ड#RAILWAY pic.twitter.com/CtW59VwRcz
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) June 4, 2023
“कोरोमंडल एक्सप्रेस को बहानागा बाजार स्टेशन से आगे जाने के लिए ग्रीन सिग्नल मिला था. इस ट्रेन की स्पीड लिमिट 130 किलोमीटर प्रतिघंटा है. हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार 128 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. इसलिए ओवर स्पीडिंग का मामला नहीं है. कोरोमंडल एक्सप्रेस का सिग्नल ग्रीन था. लूप लाइन में दो मालगाड़ियां खड़ी थीं. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सिग्नलिंग में कोई परेशानी थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए सिग्नल ग्रीन थे. यह ट्रेन लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. अत्याधिक तेज रफ्तार के चलते ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ गया.
कोरोमंडल एक्सप्रेस जिस मालगाड़ी से टकराई उसपर आयरन लोड था. यह काफी भारी होता है. आयरन ओर लोड होने से मालगाड़ी के डिब्बों की सेंटर ऑफ ग्रेविटी काफी लो थी. टक्कर से मालगाड़ी हिली भी नहीं. पूरा असर कोरोमंडल एक्सप्रेस पर आ गया. इसके डिब्बे बिखड़ गए.”