बिहार के कई शहरों में ज़हरीली शराब से हुई मौतों के बाद NHRC की टीम बिहार पहुँची हैं . जहां छपरा शराबकांड में बढ़ते मौत के आंकड़ों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानि NHRC की 10 सदस्यीय टीम मामले की जांच करेगी. आपको बता दें कि छपरा शराबकांड में अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले में SIT ने 9 लोगों को अरेस्ट किया गया है. छपरा के अलावा आसपास के कई जिलों में भी इसी तरह मौत का तांडव देखने को मिला.
NHRC की एंट्री पर ललन सिंह ने क्या कहा?
शराब कांड से हुई मौत की जांच टीम की तरफ से की जा रही है. तो वहीँ दूसरी तरफ बिहार सरकार के मंत्री बिहार पहुंची NHRC की टीम पर सवाल उठा रहे हैं . एक तरफ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कहते हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को सूचना दिया हैं . जो छपरा जिला में ज़हरीली शराब से जो मौत हुई है . उसकी जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग करेगा (NHRC) . ऐसे में सवाल उठाते हुए ललन सिंह ने कहा कि इसमें राष्ट्रीय मानवधिकार का कहाँ काम है . ऐसी संस्थाओं का दुरूपयोग किया जा रहा . ऐसा नहीं होना चाहिए . क्योंकि अगर NHRCH बिहार में जांच कर रहा है तो यही जांच कर्णाटक में क्यों नहीं हो रही . मोरबी में 142 लोग पुल टूटने से मर गए उनकी जांच क्यों नहीं होती . ये सरासर संस्थाओं का दुरूपयोग है .
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने क्या कहा?
वहीं दूसरी तरफ बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी कहते हैं “मानवाधिकार आयोग के लोग छपरा वाले मामले में क्या देखने आ रहे हैं, क्या पता लगाने जा रहे हैं.
इस तरह के बयान और विरोध लगातार बिहार सरकार के मंत्री द्वारा दर्ज किया जा रहा है .बिहार में छपरा शराब कांड पर सियासत जारी है. विपक्ष और सत्ता पक्ष के लोग एक दूसरे पर वार पलटवार करते नज़र आ रहे हैं . अब देखना होगा कि बिहार में NHRC की ये जांच कहाँ तक जाती है . कौन कौन इस जांच में दोषी पाया जाता है . सवाल ये भी कि NHRC बिहार की जनता को इन्साफ दिला पायेगी .