पिछली दो बार से अलग इस बार केंद्र में मोदी सरकार नहीं एनडीए की सरकार NDA Government बनने जारी है. अभी सरकार अस्तित्व में भी नहीं आई है और पीएम मोदी की चिता बढ़ गई है. चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार इस बार सरकार में बराबरी की मांग कर रहे है. अगर बीजेपी उनकी मांग मान लेती है तो सरकार ज़रुर मोदी की होगी लेकिन राज एनडीए का होगा.
NDA Government में महत्वपूर्ण भूमिका में रहना चाहती है टीडीपी
ऐसी अटकलें हैं कि टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू जिनके 16 लोकसभा सांसद है और इस बार आंध्र प्रदेश में उनकी सरकार बन रही है. वह मोदी सरकार में प्रमुख भूमिका निभाना चाहते है. नायडू वित्त राज्य मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के पद सहित पांच मंत्री पदों की मांग कर रहा है. बताया जा रहा है कि टीडीपी की नज़र सड़क, पंचायती राज, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विभागों पर है.
साझा न्यूनतम कार्यक्रम चाहती है जेडीयू
वहीं सूत्रों की माने तो जेडीयू, जिसके पास अब 18वीं लोकसभा में 12 सांसद हैं, 4 सांसदों पर एक मंत्रीपद की मांग कर रही है. वो दो कैबिनेट पद और एक राज्य मंत्री पद मांग रही है जिसमें रेल मंत्रालय पर सबसे ज्यादा जोर है. इसके साथ ही नीतीश कुमार नई एनडीए सरकार के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने की भी मांग कर रहे है. वह चाहते हैं कि इस कॉमन मिनिम्म प्रोग्राम को लागू करने के लिए एक समन्वय समिति भी बने.
जेडीएस को चाहिए कृषि मंत्रालय
कर्नाटक में दो सीटें जीतने वाली जेडीएस अपने नेता एचडी कुमारस्वामी के लिए केंद्रीय मंत्री पद चाहती है. क्योंकि एचडी देवेगौड़ा की पार्टी खुद को किसानों की पार्टी कहती है इसलिए वो कृषि मंत्रालय की मांग कर सकते हैं.
हम, शिवसेना, आरएलडी ने भी रखी अपनी मांग
ऐसा बताया जा रहा है कि बुधवार को एनडीए की मीटिंग में हम सुप्रीमों मांझी ने एक, तो शिवसेना शिंदे गुट ने 2 ( एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार) मंत्रालयों की मांग की है.
वहीं, आरएलडी के जयंत चौधरी ने चुनाव से पहले किया वादा याद दिलाते हुए एक मंत्री पद मांगा है तो अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी एक मंत्री पद की मांग की है.
अगर बीजेपी जो इस बार अपने दम पर बहुमत से दूर है अपने सहयोगियों की मांग मान लेती है तो हकीकत में उसके अपने हाथ खाली हो जाएंगे. इतना ही नहीं बीजेपी का नारा मजबूत सरकार और ताकतवर प्रधानमंत्री भी इस बार सपना ही साबित होने वाला लगता है.