नई दिल्ली:देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस Republic Day मना रहा है. इस वर्ष के समारोहों की थीम विकसित भारत और भारत मातृका है.आज का दिन भारत के सशक्त मजबूत और सभी को न्याय देने वाले संविधान के जश्न का दिन है.
Republic Day में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो रहे मुख्य अतिथि
गणतंत्र दिवस परेड कर्तव्य पथ पर सुबह 10:30 बजे शुरू हो गई थी. परेड लगभग 90 मिनट तक चली और मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो थे.उनके साथ यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी भी मौजूद थे.पहली बार गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत 100 महिला कलाकार द्वारा शंख,नादस्वरम और नगाड़ा जैसे भारतीय संगीत वाद्य यंत्र बजाने के साथ हुई.समारोह में लगभग 13000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया. दिल्ली पुलिस और देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा का मोर्चा संभाले हुए थे.इस बार की किन किन राज्यो की झांकियां में कर्तव्य पथ पर आई चलिये बताते है.
समृद्ध और विकसित भारत पर आधारित रही झांकियां
झारखंड की झांकी ने लोगों को तसर रेशम की समृद्ध विरासत से रूबरू करवाया.इस झांकी में तसर रेशम के उत्पादन में आदिवासी महिलाओं के लचीलेपन को प्रदर्शित किया गया.वहीं गुजरात की झांकी भी परेड में शामिल हुई.इस झांकी का विषय धोर्डो रहा जो गुजरात के पर्यटन विकास का वैश्विक प्रतीक है.लद्दाख की झांकी भी गणतंत्र दिवस दिवस परेड में शामिल हुई. इस झांकी की थीम थी विकसित भारत. लद्दाख की यात्रा में रोजगार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना. भारतीय महिला आइस हॉकी टीम जिसमें विशेष रूप से लद्दाखी खिलाड़ी शामिल है,सशक्तिकरण कि इस यात्रा का प्रतीक है. झांकी में इस उपलब्धि को दर्शाया गया है और लड़कियों को बर्फ के बीच आइस हॉकी खेलते हुए दिखाया गया है.
उत्तर प्रदेश की झांकी पर रही सबकी नजर
गणतंत्र दिवस पर उड़ीसा की झांकी भी पेश हुई थी. जिसमें महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ राज्य के समृद्ध हस्तशिल्प और हस्त कारखा क्षेत्र की उपलब्धियां को इस झांकियां को दर्शाया गया. राजस्थान की झांकी भी पेश हुई.उत्सवधर्मी संस्कृति के साथ-साथ पोषित महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास का इस झांकी में प्रदर्शन हुआ. इस बार सबकी नज़रें उत्तर प्रदेश की झांकी पर थी .उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम अयोध्या रही. अयोध्या की थीम विकसित भारत समृद्ध विरासत पर आधारित थी. झांकी का अगला भाग रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का प्रतीक थी,जो उनके बचपन के स्वरूप को प्रदर्शित करता है.