Friday, September 20, 2024

Rahul Gandhi: 30 दिन तक नहीं है राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर खतरा, जानिए इस बारे में क्या कहता है कानून

गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तो सूरत की एक कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ‘मोदी सरनेम’ को लेकर दिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के खिलाफ गुजरात बीजेपी नेता ने ये मामला दर्ज कराया था. इस मामले में राहुल गांधी के वकील बाबू मंगुकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुनाने के साथ ही जमानत भी दे दी और उनकी सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता उसके फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें.

क्या है तीस दिन सज़ा पर रोक लगाने का मतलब

वैसे अगर मामला सिर्फ 2 साल की सज़ा सुनाने का होता तो इस मामले में 10 जुलाई 2013 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के अनुसार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ‘तत्काल अयोग्यता’ का सामना करना पड़ता. क्योंकि ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया और उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई. ऐसे मामले में 10 जुलाई 2013 के SC के फैसले को अगर पढ़े तो उसमें लिखा है कि ऐसे मामले में एमपी, एमएलए और एमएलसी की तत्काल अयोग्यता होनी चाहिए.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का 10 जुलाई 2013 का फैसला

10 जुलाई 2013 को लिली थॉमस बनाम भारत संघ के फैसले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ‘कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम 2 साल की जेल दी जाती है, तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है. भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 10 जुलाई 2013 के अपने फैसले में पिछली स्थिति को नकार दिया था, जिसके अनुसार दोषी सांसदों, विधायकों, एमएलसी को अपनी सीट बरकरार रखने की अनुमति दी गई थी, जब तक कि वे भारत के निचले, राज्य और सर्वोच्च न्यायालय में सभी न्यायिक उपायों को समाप्त नहीं कर देते. भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 10 जुलाई 2013 के फैसले ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (4) को रद्द कर दिया था, जिसने निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनकी सजा की अपील करने के लिए 3 महीने की अनुमति दी थी.

यूपी के स्वार से विधायक अब्दुल्ला आज़म खान की सदस्यता की गई थी फौरन रद्द

अगर ऐसे मामलों में उदाहरण की बात करें तो जनवरी में ही यूपी के स्वार से एसपी के विधायक और यूपी राजनीति के कद्दावर नेता आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म खान की सदस्ता इसी तरह रद्द की गई थी. अब्दुल्ला आज़म खान को एक निचली अदालत ने आपराधिक मामले में 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी. जिसके तुरंत बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अब बीजेपी का कहना है कि क्योंकि लोकतंत्र में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. सभी समान है. इसलिए, कानून राहुल गांधी पर समान रूप से लागू होता है. हलांकि इस मामले में जो सजा पर 30 दिन का रोक लगाई गई है उसे देखते हुए ये भी कहा जा रहा है कि अभी राहुल गांधी के पास 30 दिन का समय है. क्योंकि सजा 30 दिन के बाद लागू होगी.

ये भी पढ़ें- Saras found :मिल गया आरिफ का लापता सारस, जंगल से उड़कर पहुंचा बी सैया गांव, अखिलेश ने गांव के लोगों को कहा धन्यवाद

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news