संवाददाता धनंजय झा, बेगूसराय: भगवान राम की जन्मभूमि के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी की ही तरह बेगूसराय Begusarai मे एक अयोध्या गांव है. जिसका अपना धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है. गंगा नदी के करीब बसे इस गांव का नाम सैकड़ों वर्ष पहले कुछ और था पर साधु संतों ने इस गांव के लोगों की सामाजिक और धार्मिक मान्यता को देखते हुए इस गांव का नाम अयोध्या रख दिया . तब से यह गांव अयोध्या गांव के नाम से इलाके में मशहूर है.
गंगा नदी के कारण इस गांव में साधु संतों के आगमन से इसका धार्मिक महत्व दिनों दिन बढ़ता गया. फिलहाल अयोध्या में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से इस गांव के लोगों की खुशी देखने योग्य है. यहाँ के लोग इस मौके पर धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी के साथ गंगा घाट और अपने घरों में घी के दिए जलाएंगे.
Begusarai के तेघड़ा में है अयोध्या गांव
अयोध्या गांव बेगूसराय के तेघरा के अवध तिरहुत रोड से दो किलोमीटर गंगा के तट पर बसा हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक मुगलकाल में मिर्जा और पैगंबर दो भाई थे. अपनी सम्पति का बंटवारा आधा आधा करने के बाद उनलोगों ने एक जगह का नाम आधारपुर रखा गया. वहीं दूसरे जगह का नाम अजुधा रखा गया. अंग्रेजों के शासन काल में अंग्रेज यहां नील की खेती किया करते थे. उस वक्त अंग्रेजों का दबदबा था तभी इस स्थान का नाम अजूधा पड़ा. उस जमाने में यहाँ साधु संत आते थे और यहाँ कल्पवास किया करते थे.
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर गांव की ठाकुरबाड़ी में राम कथा, कीर्तन और गंगा की सफाई और गंगा के किनारे दीप जलाने का काम होगा. इसके अलावा हर कोई अपने घर में पूजा अर्चना और दीप जलाने का काम करेंगे. एक कहानी के अनुसार पहले गांव का नाम अजूधा था. बाद में साधुओं का जत्था आया जिनके साथ 25-50 की संख्या में साधु शामिल थे.
इसी जत्थे के महाराज जी के द्वारा एक यज्ञ कराया गया था. इसी दौरान कुछ ब्राह्मणों ने 108 टिन घी की चोरी कर ली. जिसके कारण उनको कुष्ठ रोग हो गया. उसके बाद कुष्ठ रोगी लोग महाराज जी के पास पहुंच कर अपना दुखड़ा रोया जिसके बाद महाराज जी के द्वारा यह बताया गया कि उनके द्वारा कुछ गलती की गई है. जिसका प्रायश्चित यह है कि वे लोग गंगा का स्मरण करें और वहाँ जाकर अपनी भूल स्वीकार करें तभी उनका कल्याण होगा. इसके बाद उन ब्राह्मणों के द्वारा सारे घी को गंगा जी में प्रवाहित कर दिया गया और गंगा माँ से क्षमा याचना करने के बाद उनका कुष्ठ रोग खत्म हो गया था.
भगवान राम के पूर्वज अज के नाम पर गांव
अजुधा गांव के बारे में बताया जाता है कि इस गांव का नाम भगवान राम के पूर्वज अज के नाम पर था. इस गांव में सैंकड़ो वर्ष पुराना एक बरगद का पेड़ था, जिसका नाम अज गर बर था. जिसे भगवान राम के पूर्वज के नाम पर रखा गया था. यह स्थान अयोध्या मिथिला गंगा घाट के नाम से प्रचलित है. धार्मिक महत्व और स्वच्छता को देखते हुए यहाँ नेपाल,समस्तीपुर, दरभंगा और सीतामढ़ी के लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं. यहां हजारों की संख्या में लोग कल्पवास करने भी आते हैं. यहां गंगा दशहरा के दिन महाआरती का आयोजन होता है.