ब्यूरो रिपोर्ट, पटना :प्राइमरी स्कूल Primary school teacher में पहली से पांचवीं क्लास के तकरीबन 22 हजार शिक्षक अयोग्य करार दिए गए हैं. 22 हजार शिक्षकों की नौकरी बचाने की अपील बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में करेगी.शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर सहमति दे दी. 22 हजार B.ED योग्यताधारी नियोजित शिक्षकों के पक्ष में बिहार सरकार पूरे मामले को लेकर जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में अपील में जाएगी.
Primary school teacher सुप्रीम कोर्ट का खटखटायेंगे दरवाजा
शिक्षा विभाग ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर कानून सलाह हासिल कर ली है. इसके बाद विभाग की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में शिक्षकों के मामले को ले जाने पर सैद्धांतिक सहमति दी गई है.पटना उच्च न्यायालय के इस आदेश से संबंधित नियोजित शिक्षकों में नौकरी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालयों में बीएड डिग्री धारक शिक्षकों की रोजगार स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. विभाग ने इस संबंध में प्रारंभिक सहमति प्राप्त कर ली है और इसका लक्ष्य शिक्षकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखना है.
खतरे में शिक्षकों की नौकरी
पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खतरे में पड़ने के बाद इन शिक्षकों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें राहत देगा. यदि सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फैसला नहीं देता है, तो उनकी नियुक्तियाँ रद्द की जा सकती हैं.पटना हाई कोर्ट ने 6 दिसंबर को अपना फैसला सुनाते हुए प्राथमिक विद्यालयों में बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया था. कोर्ट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन द्वारा जारी 2018 की अधिसूचना को गलत माना, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए पात्र माना गया था.
बिहार में करीब 22,000 बीएड डिग्रीधारी शिक्षक
पटना उच्च न्यायालय ने अपने फैसले को सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश पर आधारित किया, जिसमें कहा गया था कि प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा या समकक्ष डिप्लोमा वाले शिक्षकों को ही प्राथमिक कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जा सकता है। ऐसे पदों के लिए बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को अयोग्य माना गया था। फिलहाल बिहार में करीब 22,000 बीएड डिग्रीधारी शिक्षक प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं.बिहार सरकार ने पटना उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए न्यायादेश के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में अपील में जाने का निर्णय लिया है.