Saturday, July 27, 2024

ब्रिटेन की महारानी का निधन, अब कोहिनूर का क्या होगा ?

किसी वक्त दुनिया पर राज करने वाला ब्रिटेन आज शोक के सागर में डूबा है. इस शोक की वजह है ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन. जी हाँ महारानी एलिज़ाबेथ का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया. इस खबर से सिर्फ ब्रिटैन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लेहेर है. हालाँकि जहां एक तरफ महारानी एलिज़ाबेथ की मृत्यु की खबर इस वक्त हर जुबां पर है इसके साथ साथ एक सवाल भी आज हर कोई पूछ रहा है कि ब्रिटेन की महारानी जिस ताज को खास कार्यक्रमों में पहना करती थीं, जिसमें कभी भारत की शान कहे जाने वाला मशहूर हीरा कोहिनूर जड़ा हुआ है. उसका अब क्या होगा ?
आपको बता दें महारानी का मुकुट सिर्फ कोहिनूर से नहीं जड़ा बल्कि इसके अलावा भी मुकुट में 2,867 हीरे जड़े हैं. अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर महारानी के निधन के बाद कोहिनूर हीरे और उस मुकुट का अगला हकदार कौन होगा ? एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद से ट्विटर पर कोहिनूर ट्रेंड कर रहा है और लोग इसे लेकर सवाल पूछ रहे हैं.
दरअसल ये ताज और कोहिनूर ब्रिटेन की नई महारानी डचेस ऑफ कॉर्नवाल कैमिला को सौंपा जाएगा . वो ही अगली ब्रिटेन की महारानी होंगी. जो एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे बड़े बेटे और उत्तराधिकार में सबसे आगे प्रिंस चार्ल्स की पत्नी हैं. महारानी की मौत के बाद अब प्रिंस चार्ल्स भी राजा बन जाएंगे. जिस मुकुट की बात की जा रही है उसे वास्तव में राजा जॉर्ज छठे की ताजपोशी के लिए 1937 में बनाया गया था. इसके अलावा ताज में कई कीमती पत्थर भी लगे हैं. ताज में 1856 में तुर्की के तत्कालीन सुल्तान की ओर से महारानी विक्टोरिया को तोहफे में दिया गया एक बड़ा पत्थर भी है. ये उन्होंने क्रीमिया युद्ध में ब्रिटिश सेना के समर्थन को दर्शाने के लिए अपना आभार जताने के लिए तौहफे में दिया था.

बात अगर कोहिनूर की करें तो ये पूरी दुनिया जानती है कि कोहिनूर कि कीमत क्या है. आम तौर पर सबसे उच्च क्वालिटी का हीरा 24 कैरट का होता है लेकिन कोहिनूर 105 कैरेट का हीरा है, जो प्लेटिनम के एक माउंट के साथ ताज से जुड़ा हुआ है. ब्रिटिश ताज के सामने यह क्रॉस के पास लगा है. क्वीन एलिजाबेथ ने इसी साल घोषणा की थी कि प्रिंस चार्ल्स के राजा बनने पर डचेस कैमिला को भी क्वीन की उपाधि दी जाएगी. ऐसे में राजकुमार चार्ल्स के राज्याभिषेक के दौरान कैमिला को ही कोहिनूर के साथ ताज सौंपा जाएगा.
कोहिनूर का इतिहास अपने आप में ही नायब है. लगभग 800 साल पहले भारत में एक चमचमाता पत्थर मिला था, जिसे कोहिनूर नाम दिया गया. कोहिनूर हीरा दुनिया के सबसे बड़े हीरे में से एक है. आप सोचते होंगे की इस नाम का मतलब क्या है . कूह-ए-नूर का मतलब रोशनी का पहाड़ होता है. कहा जाता है कि ये भारत की गोलकुंडा खदान में मिला था. 1849 में जब ब्रिटिश उपनिवेश पंजाब में आया तो इसे अंतिम सिख शासक दलीप सिंह ने महारानी को भेंट किया था. कोहिनूर के साथ एक मिथक भी जुड़ा हुआ है. वह ये कि ये हीरा स्त्री स्वामियों के लिए भाग्यशाली है वहीं पुरुष स्वामियों के लिए ये बर्बादी ओर दुर्भाग्य यहां तक की मृत्यु लेकर आता है .
तो इस खबर के साथ जहाँ एक तरफ क्वीन एलिज़ाबेथ के जाने के बाद अब ब्रिटेन को नै महारानी मिलेगी ओर कोहिनूर को उसका नाय सिंहासन.

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