स्टॉक मार्केट की चाल अचानक जिस तरह से बदली है, उससे इनवेस्टर्स हैरान हैं. 12 अप्रैल को मार्केट लगातार आठवें दिन तेजी के साथ बंद हुआ. एनालिस्ट्स इस तेजी की कई वजहें बता रहे हैं लेकिन यह तय है कि पिछले कई महीनों से बाजार में गिरावट से निराश निवेशकों के लिए यह खुशियां मनाने का मौका है. तो क्या बाजार की यह तेजी जारी रहेगी? इस तेजी की क्या वजह है? क्या इस तेजी के बाद 2023 में बाजार का रिटर्न पॉजिटिव हो गया है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
निवेशकों ने की खरीदारी
एनालिस्ट्स का कहना है कि बाजार में आई हालिया तेजी की सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों (FIIs) के रुख में बदलाव है. अब वे इंडियन स्टॉक मार्केट (Indian Stock Markets) में खरीदारी कर रहे हैं. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के डेटा के मुताबिक, 28 मार्च से 10 अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार में करीब 82 अरब रुपये (1 अरब डॉलर) की खरीदारी की है. सिर्फ 11 अप्रैल को उन्होंने 342 करोड़ रुपये की खरीदारी की है.
निफ्टी का रिटर्न भी बढ़ा
पिछले 28 मार्च से बाजार का रुख बदला है. इससे प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी एक महीना के हाई लेवल पर पहुंच गए हैं. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी का रिटर्न करीब 5 फीसदी पहुंच गया है. मध्यम और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखने को मिली है. BSE Midcap इंडेक्स 4.7 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है. स्मॉलकैप इंडेक्स ने भी शानदार तेजी दिखाई है लेकिन इस तेजी के बावजूद साल 2023 में मार्केट का रिटर्न पॉजिटिव नहीं दिख रहा है. हां यह सही है कि मार्केट में आई ज्यादातर कमजोरी की भरपाई हो गई है.
विदेशी निवेशक सस्ते भाव पर शेयर खरीद रहे हैं
कुछ ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में घरेलू शेयर बाजार में आई गिरावट की वजह से शेयरों की वैल्यूएशंस अट्रैक्टिव हो गई हैं. इसलिए विदेशी निवेशक सस्ते भाव पर शेयरों को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अभी बीएसई Sensex में एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग्स के मुकाबले 19.05 गुना पर कारोबार हो रहा है. यह सेंसेक्स के 10 साल के 20.48 गुना के औसत के मुकाबले कम है. उधर Nifty 50 में एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग्स के 18 गुना पर कारोबार हो रहा है. यह 10 साल के 19.93 गुना के औसत के मुकाबले कम है.
बाजार में तेजी कब तक रहेगी नहीं पता
उपर्युक्त डेटा से यह पता चलता है कि हालिया गिरावट की वजह से इंडियन मार्केट सस्ता हो गया है. इस वजह से विदेशी निवेशक खरीदारी कर रहे हैं, जिससे मार्केट में तेजी का रुख बना हुआ है. आगे बाजार में तेजी जारी रहेगी या नहीं, यह कई फैक्टर पर निर्भर करेगा. सबसे अहम कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे होंगे. इस हफ्ते से नतीजों का सीजन शुरू हो रहा है. कंपनियों की कमाई की ग्रोथ अच्छी रहने पर मार्केट के सेंटिमेंट को सपोर्ट मिल सकता है.