कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. ये कहावत सच कर दिखाई है भारत के एक एथलीट ने जिसने अपने हौसलों की ताकत से आज पूरे जहाँ को अपनी मुट्ठी में कर लिया. जी हां हम बात कर रह हैं चीन में खेले जा रहे एशियाई गेम्स में भारत के लिए मैडल लाने वाले राम बाबू Ram Babu की. जी हाँ भारत के राम बाबू ने जिनकी कहानी ने आज पूरे देश को ना केवल गौरवान्वित किया है. बल्कि हज़ारों लाखों लोगों को कुछ कार दिखाने का हौसला भी दिया. राम बाबू ने एशियाई खेलों 2023 में अपनी अविश्वसनीय उपलब्धि से कई लोगों का दिल जीत लिया है और उन्हें प्रेरित किया है.
यूं तो परेशानियां सबके जीवन में होती है लेकिन उन परेशानियों को पार कर जो सफलता हासिल करे वही इतिहास के सुनहरे अक्षरों में याद रखें जाते हैं. तो बस ऐसी ही कहानी है राम बाबू की जिसने 35 किमी रेस वॉक इवेंट में मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रोंज हासिल किया है.
https://youtu.be/TqPYRlUu4qo
आईएफएस अधिकारी परवीन कासवान ने राम बाबू की उल्लेखनीय यात्रा पर रौशनी डालते हुए उनकी प्रेरक कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है. उन्होंने बताया कभी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्यकर्ता और वेटर रहे राम बाबू ने सभी बाधाओं को पार करते हुए प्रतिष्ठित एशियाई खेलों में पदक विजेता के रूप में उभरे.
कैप्शन में लिखा है, “वह राम बाबू हैं, जो कभी मनरेगा मजदूर और वेटर के रूप में काम करते थे. आज उन्होंने #AsianGames में 35 किमी रेस वॉक मिक्स्ड टीम में कांस्य पदक जीता. दृढ़ संकल्प और धैर्य के बारे में बात करते हैं.”
35 किमी रेस वॉक मिश्रित टीम इवेंट में कम्पीट करते हुए, राम बाबू ने ज़बरदस्त सहनशक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए 5 घंटे, 51 मिनट और 14 सेकंड का समय निकाला. उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि ने न केवल उन्हें गौरवान्वित किया है बल्कि पूरे देश का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया.
कासवान की पोस्ट इस बात की याद दिलाती है कि दृढ़ता क्या कर सकती है. राम बाबू की प्रेरक कहानी ने इंटरनेट को बहुत से लोगों को इनसपिरे किया. राम बाबू की कांस्य जीत ने एशियाई खेल 2023 में भारत की मैडल टैली में एक महत्वपूर्ण योगदान तो दिया ही. साथी ही दुनिया को ये भी बता दिया भारत एक मज़दूर 140 करोड़ों देश वासियों का हीरो भी बन सकता है.