Saturday, July 27, 2024

महाकाल का भव्यलोक लोकार्पण के लिए तैयार, प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं लोकार्पण

मध्यप्रदेश भारत देश का हृदय प्रदेश है और इस प्रदेश के हृदय स्थल में बसा है शहर उज्जैन.इस शहर में आज एक खास प्रयोजन होने जा रहा है, जिसका आस्थावान शिवभक्तो को काफी समय से इंतजार था. इंतजार की घडियां खत्म होने जा रही है.

महाकाल मंदिर का लोकार्पण आज 

महाकाल की नगरी उज्जैन में 856 करोड़ की लागत से बने विशाल और दिव्य महाकाल मंदिर का प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम को लोकार्पण करेंगे.इसके लिए उजैन पहुंचकर पीएम मोदी विधिवत महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे, फिर नये प्रांगण का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम के लिए पिछले कई महीनों से तैयारियां चल रही है.

प्रधानमंत्री मोदी का पूरा कार्यक्रम

शाम 5.30 बजे- प्रधानमंत्री मोदी का उज्जैन आगमन,गर्भगृह में पूजन

शाम 6.25 बजे- नंदी द्वार पर आगमन, मंदिर का अवलोकन

शाम 7.20 बजे –कार्तिक मेला ग्राउंड में जनसभा संबोधन  

   

प्रधानमंत्री शाम साढ़े पांच(5.30PM) बजे उज्जैन पहुंचेंगे.गर्भ गृह में बाबा महाकाल की पूजा करेंगे. शाम 6.25 पर महाकाल प्रोजेक्ट के नंदी द्वार पर आगमन होगा. उसके बाद पीएम मंदिर का लोकार्पण करेंगे, और फिर पूरा प्रांगण देखेंगे.शाम 7 बजकर 10 मिनट पर पीएम मोदी कार्तिक मेला ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे.

मंदिर परिसर में अलग अलग हिस्सों का नामकरण 

वैसे तो उज्जैन नगर को ही महाकाल की नगरी कहा जाता है और बाबा भोलनाथ इस नगर के राजा कहे जाते हैं. इसलिए  मंदिर के पुनर्निमाण के बाद मंदिर के अलग अलग हिस्सों का नामकरण भी किया गया है.20.25 हेक्टेयर क्षेत्र मे फैले इस संपूर्ण महाकाल मंदिर को महाकाल लोक के नाम से जाना जायेगा. पूरे परिसर में 190 मूर्तियां लगी गई हैं. यहां बेहतरीन नाइट लाइट की व्यवस्था की गई है. इस मंदिर परिसर की एक खासियत ये भी होगी कि यहां जितनी बिजली खर्च होगी उसका 90 प्रतिशत हिस्सा यहीं बन कर तैयार होगा.

मंदिर परिसर में 108 स्तंभ स्थापित किये गये हैं, और उनपर उनके गणों की विभिन्न मुद्रायें अंकित की गई हैं.

महाकाल लोक 190 मूर्तियां स्थापित की गई हैं

महाकाल लोक में 190 मूर्तियों में 18 फीट की 8 प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिसमें नटराज, शिवपुत्र गणेश और कार्तिकेय , दत्तात्रेय अवतार,पंचमुकी हनुमान,चंद्रशेखर महादेव की कहानी,शिव और सती, समुद्र मंथन के दृश्य शामिल हैं.

15 फीट की 23 प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं.जिसमें शिव की नृत्य मुद्रा, 11 रुद्र महेश्वर अवतार,अघोर अवतार, काल भैरव,शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध,शिव बारात,मणिभद्र,गणेश और कार्तिक के साथ मां पार्वती,सूर्य और कपालमोचक शिव शामिल हैं. इसके अलावा 11फीट, 10 फीट और 9 फीट की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं.

मंदिर में आने वालो की सुविधा के लिए खास तौर से 900 मीटर लंबा महाकाल पथ बनाया गया है.इस मंदिर की एक और विशेषता ये होगी कि यहां श्रद्धालुओं के जानकारी के लिए किसी गाइड की जरुरत नहीं होगी. मंदिर परिसर में ये व्यवस्था की गई है कि आप अपने मोबाइल फोन से जिस भी मूर्ति को स्कैन करेंगें, आपके फोन पर उसकी पूरी जानकारी आपके सामने आयेगी.मूर्तियां स्वयं ही अपने बारे मे जानकारी देंगी.इसके लिए प्रत्येक प्रतीमा के पीछे एक बारकोड लगाया गया है, जिसे मोबाइल से स्कैन करने पर हर जानकारी सामने आ जायेगी.मूर्तियो के साथ ये खास व्यवस्था करने का एक विशेष प्रयोजनहैं. प्रयोजन ये है कि इससे नई पीढ़ी भी अपनी परंपरा और धार्मिक महत्व की कथाओं के बारे मे परिचित हो सकेगी.इस विशाल परिसर मे एक साथ दो लाख लोग दर्शन कर सकेंगे.महाकाल परिसर मे देश का पहला नाइट गार्डन बनाया गया है.

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