Friday, October 18, 2024

भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुआ पहला एटैकिंग हेलिकॉप्टर प्रचंड

पूरी तरह से देश में बना लाइट कॉम्बेट हेलिकाप्टर आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है .आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,सीडीएस अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयरमार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में इस लडाकू हेलिकॉप्टर को जोधपुर में भारतीय सेना को सौंपा गया. .हेलिकॉप्टर को सैन्य बेड़े में शामिल करने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना की गई.

भारतीय सेना के बेड़े  में शामिल नये लड़ाकू हेलिकॉप्टर का नाम प्रचंड रखा गया है. इसकी गति 270 किलोमीटर प्रति घंटे है.  इस हेलिकॉप्टर को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की सुरक्षा कमिटी(CCS) ने मार्च 2022 में  लाइट एटैक हेलिकॉप्टर (LCH) खरीदने के लिए मंजूरी दी थी. 3387 करोड़ में ये हेलिकॉप्टर हिंदुस्तान एरोनौटिक्स लिमिटेड( HAL) से खरीदे गये हैं.15 हेलिकॉप्टर खरीदे गये हैं,जिसमें 10 वायुसेना और 5 थल सेना के लिए है.

LEH हेलिकॉप्टर की खास बातें

LEH का वजन 6 टन है,जिसके कारण ये बेहद हल्का है.वजन कम होने के कारण ये हेलिकॉप्टर हाई एल्टीट्यूड एरिया में भी मिसाइल समेत अन्य हथियारों को लेकर उडान भर सकता है और उतर सकता है.

LEH हवा से हवा में मार करने वाला तकनीक ‘मिस्ट्रल’ से लैश है.ये तकनीक फ्रांस से खरीदी गई है.

LEH में 70 MM के 12 -12 रॉकेट के दो पॉड लगे हैं.

इस हेलिकॉप्टर की नोज में 20 MM की गन लगी है , जो 110 डिग्री तक किसी भी दिशा में घूम सकती है.

पायलट के हेलमेट पर कॉकपीट के सभी फीचर डिस्पले हो जाते हैं.

ये ELH हेलकॉप्टर अमेरिका से खरीदे गये अपाचे से भी बेहतर माना जा रहा है क्योंकि  एडवांस तकनीक से लैश होने के बावजूद अपॉचे को हाइ एल्टीट्यूड इलाके में  टेकऑफ और लैंडिग में दिक्कत आती है. करगिल और सियाचीन जैसै दुर्गम इलाकों में अपाचे को टेकऑफ और लैंडिंग मे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. वहीं LCH हल्का और रौटर्स के कारण दुर्गम इलाकों में भी उड़ान भरने और लैंडिग करने मे सक्षम है.

HAL के मुताबिक HEL अपने खास स्टेल्थ फीचर की वजह से दुश्मन के रडार से बचने में भी सक्षम है.

इस हेलकॉप्टर की एक खासियत ये है कि इसकी बॉडी आरमर्ड है, जिससे कारण अगर इसके उपर फायरिंग भी होती है तो इसपर कोई खास असर नहीं होगा और ये दुश्मन के हमलों से बचने के लिए उन्हें चकमा भी देने में सक्षम है .हेलिकॉप्टर की डिजायनिंग और सुरक्षा ऐसी की गई है कि इसके रोटर्स यानी पंखों पर भी फायरिंग का असर नहीं होगा.

भारतीय सैन्य बेड़े मे शामिल करने से पहले इस हेलॉकॉप्टर का ट्रायल सियाचीन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक में हो चुका है.

LEH हलांकि आज भारतीय सेना के बड़े में औपचारिक रुप से शामिल हो रहा है लेकिन इससे पहले ही दो हेलिकॉप्टर पूर्वी लद्दाख के भारतीय सीमा ( LAC ) पर तैनात हैं और वो काम कर रहे हैं.

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